मो. गुफरान/प्रयागराज: श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े से जुड़े मठ बाघंबरी गद्दी (Shri Math Baghambari Gaddi) में संतों के बीच मचे बवाल पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) ने बड़ा बयान दिया है. रवींद्र पुरी महराज ने कहा कि मठ और बड़े हनुमान मंदिर से स्वामी अमर गिरी महाराज का निष्कासन नहीं हुआ है. उनके निष्कासन की बात पूरी तरह से औचित्यहीन है. श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि मठ बाघंबरी गद्दी से किसी के निष्कासन का अधिकार सिर्फ पंच परमेश्वर को है. मठ के पीठाधीश्वर को किसी के निष्कासन का अधिकार नहीं है. 


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स्वामी अमर गिरी के शिकायत लेने के मामले पर भी दिया बयान 
वहीं, महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले स्वामी अमर गिरी और पवन महाराज के शिकायत वापस लेने की अर्जी को लेकर भी श्रीमहंत रवींद्र पुरी बयान दिया. उन्होंने कहा कि अमर गिरी सीधा-साधा साधु है. वह किसी वाद विवाद में नहीं पड़ना चाहता है. जिसके चलते ही उसने शिकायत वापस ली है. इसमें हम किसी के ऊपर कोई दबाव नहीं बना सकते हैं. यह फैसला उनकी मर्जी और विवेक पर निर्भर करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे मुकदमे पर भी किसी तरीके का कोई असर नहीं पड़ेगा. 


महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में नहीं दर्ज कराई थी शिकायत: अमर गिरी महाराज
इस पूरे प्रकरण को लेकर स्वामी अमर गिरी महाराज ने कहा कि उन्होंने खुद से किसी भी तरीके की शिकायत महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में नहीं दर्ज कराई थी. सिर्फ उन्होंने थाने में सूचना दी थी, वह किसी को भी बगैर किसी सबूत के नहीं फंसाना चाहते. वह नहीं चाहते कि उनकी वजह से कोई निर्दोष सजा काटे. इसलिए उन्होंने मुकदमे से खुद का नाम वापस लेने का फैसला लिया है. स्वामी अमर गिरी महाराज ने कहा कि दोषियों को सजा मिले लेकिन किसी निर्दोष को बेवजह सजा ना मिले. 


पिछले एक हफ्ते से चल रहा था संतों के बीच विवाद 
गौरतलब है कि पिछले श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े से संबंधित मठ बाघंबरी गद्दी के तीन संतों के बीच एक हफ्ते से विवाद चल रहा था. जिसका अंत आज साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज की पहल से हो गया है. हालांकि, मठ के महंत और संतो के बीच विवाद की खबरों से यह साफ है कि मौजूदा समय में भले ही अंदर खाने समझौता हो गया हो, लेकिन आने वाले दिनों में दोबारा मठ में विवाद न हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता. मठ में स्वामी आशीष गिरी की संदिग्ध मौत के बाद तीन साल पहले शुरू हुआ विवाद महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद भी खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि बाहर चाहे जो भी तस्वीर दिखाई जा रही हो, लेकिन अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. 


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