मोहम्‍मद गुफरान/प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज के प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में छोटे और भड़काऊ कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. मंदिर प्रबंधन ने दर्शन पूजन के लिए आने वाले भक्तों के लिए ड्रेस कोड के तौर पर गाइडलाइन जारी कर दी है. इसमें सीधे तौर पर कहा गया है कि मंदिर साधना की जगह है, यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं खासकर महिलाओं और युवतियों को छोटे कपड़े पहनकर न आने की हिदायत दी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अंग प्रदर्शन करने वालों के लिए जगह नहीं 
मंदिर प्रबंधन का कहना है कि यह साधना की जगह है, यहां पर अंग प्रदर्शन करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. छोटे कपड़े, कटे फटे कपड़ों से यहां का माहौल भक्तिमय के बजाए भड़काऊ हो जाता है, जो हमारी संस्कृति और सनातन सभ्यता के खिलाफ है. मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधरानंद महाराज का कहना है कि देश में बढ़ते लव जिहाद की घटनाओं की एक वजह यह भी है कि आज हम अपनी सनातन संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं. कटे कटे कपड़े पहन कर दर्शन पूजन के लिए जा रहे हैं, जो हमारी संस्कृति का कहीं से भी हिस्सा नहीं है.


हमारी संस्‍कृति दूर जा रही 
हमारी संस्कृति में महिलाएं साड़ी पहनकर मंदिरों में साधना और पूजन अर्चन के लिए लोग जाया करतीं थीं, लेकिन आज के समय में हम अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहें हैं. पश्चिमी कल्चर को अपना रहे हैं, जिसके चलते देश में लव जिहाद समेत अन्य समस्याएं पैदा हुई हैं. इससे निपटने के लिए देश के दूसरे प्रमुख मंदिर प्रबंधन को भी आगे आना होगा, ताकि हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को पुनः स्थापित कर सकें.


मंदिर प्रबंधन के फैसले का स्‍वागत करें 
वहीं, मंदिर प्रबंधन के ड्रेस कोड लागू किए जाने के फैसले का यहां आने वाले भक्त भी स्वागत कर रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि यह मंदिर दर्शन पूजन की जगह है. यहां पर हमें ऐसे कपड़े पहनकर नहीं आना चाहिए जो मर्यादा के खिलाफ हो. सभी को मंदिर प्रबंधन के फैसले का स्वागत करना चाहिए. 


क्‍या बोले श्रद्धालु 
मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे प्रयागराज के विनय प्रकाश का कहना है कि यह साधना की जगह है. यहां भगवान का ध्यान लगाने के लिए आते हैं, इसलिए यहां पर जो वस्त्र पहनकर आएं वह मर्यादित और शालीन होना चाहिए. मंदिर प्रबंधन का यह फैसला स्वागत योग्य है, सभी को इसका समर्थन करना चाहिए. 


पुराणों में है जिक्र 
बता दें कि तीर्थराज प्रयागराज के पवित्र संगम से करीब पांच सौ मीटर पहले यमुना तट पर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर का जिक्र पुराणों में भी हैं. त्रेता युग में वनवास के लिए जाते समय मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने भी यहां पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की थी. ऐसे में इस मंदिर का महत्व बेहद खास हो जाता है. सावन के दिनों में यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए दूर दराज से आते हैं. 


Hardoi railway station fight video: रेलवे स्टेशन पर हंगामा, दो पक्षों में जमकर हुई मारपीट चले लात-घूंसे देखिए लाइव वीडियो