Prayagraj : महाशिवरात्रि में मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन से पूरी होगी हर मनोकामना, प्रयागराज में हर साल उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब
Prayagraj Mankameshwar: मनकामेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं होती है पूरी, माघ, कुंभ और महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु करते है दर्शन, पुराणों में भी वर्णन है मनकामेश्वर मंदिर की मान्यता.
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश का Prayagraj देश और दुनिया में धर्म की नगरी के नाम से जाना जाता है. प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले में लाखों लोग दर्शन करने आते है.यहां पर तीन नदियों का संगम होता ने कारण यहां की पावनता और भी मुग्ध हो जाती है. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि संगम नें स्नान दान करने से सभी कष्ट दूर हो जाते है. संगम से कुछ ही दूर यमुना नदी के किनारे प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर है, जहां पर भगवान शिव विराजमान हैं.
मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन से होती ही सभी मुरादे पूरी
मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं ने बताया मंदिर में विविध रूप में विराजमान भगवान शिव के दर्शन-पूजन और जलाभिषेक करने से सभी के कष्ट दूर हो जाते है और सभी मनोकामना पूरी होती है.साल भर यहां शिव दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रहती है.
पुराणों में भी है मंदिर का उल्लेख
मनकामेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रम्हचारी श्रीधरानंद ने बताया कि स्कंद पुराण और पदम पुराण में मनकामेश्वर मंदिर का वर्णन है. जानकारी के मुताबिक काम को भस्म करके भगवान शिव यहां पर विराजमान हुए थे. मुख्य पुजारी ब्रम्हचारी श्रीधरानंद बताते है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम वनवास जाते समय भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ प्रयाग में रुके थे. इसी दौरान उन्होंने अक्षयवट के नीचे विश्राम किया था आऊर आगे जाने से पहले मनकामेश्वर मंदिर में भगवान शिव को जलाभिषेक कर अपने रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने की कामना की थी.
महाशिवरात्रि पर लगता है श्रद्धालुओं तांता
महाशिवरात्रि हो कुंभ हो या माघ मेला हो लाखों की संख्या में भगवान शिव का जलाभिषेक करने श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. सुबह से ही शिव का जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुट जाती है. इस खास मौके पर यहां पर रुद्राभिषेक आदि धार्मिक कर्म होते हैं.
श्रद्धालुओं को घाट पर मूलभूत सुविधाओं की जरूरत
मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधरानंद ने कहा कि योगी सरकार तीर्थों और प्राचीन मंदिरों के सौंदर्यीकरण को लेकर काम तो कर रही है लेकिन चार साल बीतने के बाद भी मंदिर का कायाकल्प नहीं हो सका है. मंदिर प्रबंधन की तरफ से कई बार अधिकारियों को पत्राचार भी किया जा चुका है.लेकिन सरकारी दावे पूरे नहीं हुए हैं.महाशिवरात्रि और अन्य मेलों के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के दौरान यहां भगदड़ की स्थिति बनी रहती है. इससे निपटने के लिए सरकार को कॉरिडोर का निर्माण करना चाहिए और साथ ही घाटों के निर्माण और स्नानार्थियों को सहूलियत के बारे में सोचना चाहिए.