प्रयागराज : माफिया व पूर्व विधायक विजय मिश्रा को एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया विजय मिश्रा को पांच साल की सजा सुनाई है. प्रयागराज के फूलपुर थाने में दर्ज आर्म्‍स एक्‍ट के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. माफिया विजय मिश्रा पर चुनावी जनसभा के दौरान सरकारी गनर के शस्‍त्र से फायरिंग करने का आरोप है. बता दें कि माफिया विजय मिश्रा वर्तमान में आगरा जेल में बद है. 


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लेटर पैड पर फर्जी हस्‍ताक्षर मामले में सशर्त जमानत 
इससे पहले बहुबली व पूर्व विधायक विजय मिश्रा को ग्राम प्रधान के लेटर पैड पर फर्जी हस्ताक्षर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है. कोर्ट ने थाना गोपीगंज, संत रविदास नगर, भदोही में दर्ज आपराधिक मामले में व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति लेकर विजय मिश्रा को रिहा करने का आदेश दिया है. विजय मिश्रा 14 अगस्त 2020 से जेल में बंद है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है.


83 मुकदमों को झेल रहा पूर्व विधायक विजय मिश्रा
बता दें कि भदोही पुलिस ने पूर्व विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ हत्या, लूट, अपहरण, रेप, मारपीट, संपत्ति हड़पने, जालसाजी, रंगदारी सहित गंभीर अपराधों के कुल 83 केस दर्ज किया है. गैंगस्टर एक्ट के आरोपी की करोड़ों रुपये की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है. वाराणसी में महिला सिंगर के साथ गैंगरेप मामले में शिकायत मिलने के बाद पूर्व विधायक को 2020 में मध्य प्रदेश के आगर से गिरफ्तार कर भदोही लागया गया था. सुरक्षा कारणों से उसे आगरा के सेंट्रल जेल में रखा गया था.


ऐसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत 
बता दें कि विजय मिश्रा ने राजनीति में 1980 के आसपास कदम रखा. शुरुआत में एक पेट्रोल पंप खोला. इसके बाद विजय मिश्रा के कई ट्रक चलने लगे. इसी बीच विजय मिश्रा के परिचित पंडित कमलापति ने बाहुबली को चुनाव लड़ने को कहा. इसके बाद विजय मिश्रा 1990 में पहली बार वह ब्‍लॉक प्रमुख बन गया. उस दौरान विजय मिश्रा के संबंध राजीव गांधी से अच्‍छे हो गए थे. राजीव गांधी के जाने के बाद विजय मिश्रा का कांग्रेस से रिश्‍ता टूट गया था. 


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