President election 2022: देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को पूरा हो रहा है. जिसके बाद से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का भी ऐलान कर दिया है. इसको लेकर बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का मंथन शुरू हो गया है. राष्ट्रपति की रेस में जिन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है, उनमें उत्तर प्रदेश के भी दो चेहरे शामिल हैं. 


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सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में इस बार चर्चा है कि बीजेपी किसी मुस्लिम चेहरे को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकती है. राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी में जिन दो नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है. उनमें केरल के मौजूदा राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शामिल हैं. 


दरअसल, वर्तमान में धर्म की राजनीति को लेकर देश में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. इसी वजह से वर्तमान स्थिति में गर्माए मुद्दों को लेकर कयास जा रहा है कि बीजेपी मुस्लिम चेहरे को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है. 2017 में जब राष्ट्रपति चुनाव से पहले दलित राजनीति गर्मायी हुई थी और विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा था. तब बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक लगाते हुए अनुसूचित जाति के राजनेता को उम्मीदवार बनाया था. 


आरिफ मोहम्मद खान
वर्तमान में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के फल पट्टी इलाके स्याना विधानसभा के रहने वाले हैं. वह सबसे ज्यादा सुर्खियों में तब आए थे, जब उन्होंने शाहबानो केस को लेकर राजीव गांधी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. आरिफ मोहम्मद खान को बीजेपी एक प्रगतिशील मुस्लिम चेहरा मानती है. तीन, तलाक हो या सीएए आरिफ मोहम्मद खान हमेशा इन मामलों पर मोदी सरकार के समर्थन में खड़े रहे. इसलिए कयासों का बाजार गर्म है कि बीजेपी उनको राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर मुस्लिम विरोधी न होने का संदेश देने की कोशिश करे. 


मुख्तार अब्बास नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राज्यसभा सदस्य हैं. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1957 को इलाहबाद में हुआ था. नकवी की गिनती बीजेपी के प्रोग्रेसिव मुस्लिम नेताओं में होती है. दरअसल उनके राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा कई कारणों से है. पहला नकवी का जुलाई में राज्यसभा कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में भी उनको उम्मीदवार नहीं बनाया गया था. जबकि दूसरा यह कि रामपुर लोकसभा उप चुनाव में भी उनको उम्मीदवार बनाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि नकवी को बीजेपी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है.


अब देखना यह होगा कि साल 2002 में अटल बिहारी बाजपेयी के अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के बाद क्या एक बार फिर बीजेपी इसी राह पर आगे चलेगी. 


राष्ट्रपति पद के लिए कब होंगे चुनाव? 
बता दें, राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. 29 जून से राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी जबकि 18 जुलाई को  चुनाव होगा. 21 जुलाई को देश को नया राष्टपति मिल जाएगा. 


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