अयोध्या पहुंचे मॉरीशस के राष्ट्रपति ने किया रामलला का दर्शन पूजन, बोले- सौभाग्यशाली हूं जो ये मौका मिला
Ayodhya News: भगवान राम लला के दर्शन करने के बाद उन्होंने मंदिर निर्माण स्थल का भी जायजा लिया. कनक भवन दर्शन के बाद सरयू का भी दर्शन पूजन किया है. लगभग 1 बजे तक वह अयोध्या में रहेंगे.
सत्यप्रकाश/अयोध्या: भगवान श्री राम की नगरी में सोमवार को मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन परिवार सहित पहुंचे और हनुमानगढ़ी राम जन्म भूमि पर दर्शन पूजन किया. भगवान राम लला के दर्शन करने के बाद मंदिर निर्माण स्थल का भी जायजा लिया. कनक भवन दर्शन के बाद सरयू का भी दर्शन पूजन किया है. लगभग 1 बजे तक वह अयोध्या में रहेंगे.
वसुदेव कुटुंबकम के नाते हम सभी एक हैं -पृथ्वीराज सिंह
अयोध्या पहुंचे पृथ्वीराज सिंह ने कहा कि वसुदेव कुटुंबकम के नाते हम सभी एक हैं और सनातन धर्म हमको एक साथ रहने की शिक्षा देता है. यह मेरा सौभाग्य है कि हमको प्रभु श्री राम ने बुलाया है, यह सबके भाग्य में नहीं होता है. वाराणसी दर्शन के बाद काशी विश्वनाथ के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए कहा कि वाराणसी हमारे लिए ही नहीं आगामी पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित हो गई है, इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं.
मॉरीशस में भी धूमधाम से मनाए जाते हैं सनातन धर्म के त्योहार
उन्होंने कहा कि मॉरीशस में शिवरात्रि, रामनवमी, दुर्गा पूजा, दशहरा सनातन धर्म से जुड़े हुए प्रमुख त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं. मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दरमियान अयोध्या के दर्शन पूजन का निमंत्रण दिया था. उसी सिलसिले में हम अयोध्या कर भगवान राम लला का दर्शन पूजन कर रहे हैं. भगवान राम का मंदिर बन रहा है और इस मंदिर निर्माण में इंजीनियर हो या वर्कर सभी को एक अहम जिम्मेदारी दी गई है. मॉरीशस में रामायण और पूजा पद्धति को बताया कि भारतीय संस्कृत की परंपरा आज भी मॉरिशस में जीवंत है और हम 200 साल पहले भारत से मॉरीशस गए थे.हम रामायण को मानते हैं पूजा करते हैं क्योंकि भारतीय संस्कृति बहुत ही महान है.
वहीं, अयोध्या के अलावा कहां-कहां गए इस पर बोलते हुए कहा कि जहां से भी बुलावा आएगा वहां वहां जाएंगे. भारत में हम कई जगह पूजा और तीर्थाटन करना चाहेंगे. जब भगवान बुलाएंगे तो दूसरे तीर्थ स्थलों पर भी जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम पहले प्रयागराज भी गए हैं, वाराणसी भी गए हैं, साउथ में भी गए हैं, मुंबई के सिद्धिविनायक में भी हमने दर्शन पूजन किया था. जहां से प्रभु का बुलावा आता है हम हर उस दरबार में जाते हैं.