गाजियाबाद : आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं. वह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. इसका ताजा उदाहरण यूपी के गाजियाबाद में देखने को मिला है. यहां एक महिला चालक ने यात्रियों से भरी बस को सकुशल गंतव्‍य तक पहुंचाया है. इसी के साथ महिला प्रदेश में पहली महिला बस चालक बनने का गौरव प्राप्‍त किया. प्रदेश की पहली महिला बस चालक ने यात्रियों को शनिवार को मेरठ से कौशांबी तक का सुरक्षित सफर तय कराया. प्रियंका ने कहा, हम कंधे से कंधा मिलाकर चलने वालों में से हैं, हम मर्दों के पैरों की जूती नहीं है.


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शुरुआत में ट्रक भी चलाया 
दरअसल, बिहार की रहने वाली प्रियंका कुमारी के पति एक निजी कंपनी में काम करते थे. किडनी खराब होने पर पति की मौत हो गई. ऐसे में 2 बच्‍चों के पालन पोषण की जिम्‍मेदारी प्रियंका के सिर पर आ गई. कुछ दिन के बाद प्रियंका ने रोजी रोटी के लिए काम की तलाश की. इसी दौरान प्रियंका को ट्रक चलाने का मौका मिला. प्रियंका ने कुछ दिन ट्रक चलाकर बच्‍चों का भरण पोषण किया. 


बस लेकर मेरठ से कौशांबी डिपो पहुंचीं 
प्रियंका ने बताया कि जब भरण पोषण में दिक्‍कत आने लगी तो उसने कुछ और करने का सोचा. ऐसे में उसके मन में रोडवेज की बसें चलाने का आया. अभी वह ट्रेनिंग के अंतर्गत रोडवेज बस चला रही है. शनिवार को प्रियंका मेरठ से सवारियों से भरी रोडवेज की एक बस कौशांबी डिपो लेकर पहुंची. प्रियंका के इस प्रयास को कौशांबी डिपो के अधिकारी भी सराह रहे हैं. 


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रोडवेज के अधिकारी सराहना कर रहे 
प्रियंका ने बताया कि जब वह ट्रक या बस चलाने की सोची तो लोगों ने बहुत कुछ कहा. कुछ लोगों ने हौसला बढ़ाया तो कुछ ने टिप्‍पणी भी की. इसमें से अधिकांश लोगों ने यह कहा कि वह ऐसा क्‍यों करना चाह रही है. इतना ही नहीं रोडवेज के कर्मी भी यही कहते हैं कि यहां क्‍यों आ गई. हालांकि, रोडवेज के अधिकारी प्रियंका के इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं. जल्दी वह रूट पर भेजना भी शुरू कर देंगे. प्रियंका ने योगी सरकार का धन्‍यवाद दिया है, जो उन्‍होंने मौका दिया. 


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