`सम्राट पृथ्वीराज` में जयचंद को गद्दार दिखाए जाने पर कन्नौज में विरोध, फिल्म में बताया गया गलत इतिहास
नवाब सिंह यादव का कहना है कि राजा जयचंद एक चक्रवती राजा थे. फिल्म में उनके किरदार को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.....
प्रभम श्रीवास्तव/कन्नौज:अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' (Samrat Prithvira) के रिलीज होने के बाद कन्नौज जिले में विरोध शुरू हो गया है. इसमें राजा जयचंद के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगा है. इससे इत्रनगरी के लोग नाराज हैं. आज राजा जयचंद के किले से कलेक्ट्रेट तक लोगों ने पैदल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दीया, जिसमें उन्होंने राजा जयचंद के गलत किरदार को लेकर नाराजगी जताई और फिल्म को बैन करने की मांग की.
फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' 3 जून को रिलीज हुई थी. रिलीज होने के साथ ही कन्नौज में विरोध को लेकर आवाज मुखर होने लगी. इसके विरोध में जहां एक और शहर के नागरिक और अधिवक्ता आए तो वही कान्यकुब्ज सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सपा नेता नवाब सिंह यादव और सम्राट जयचंद सेवा समिति के लोगों के साथ जिले के साहित्यकारों और इतिहासकारों ने विरोध की आवाजें मुखर की.
कान्यकुब्ज सेवा समिति ने निकाला पैदल मार्च
आज राजा जयचंद किले से कान्यकुब्ज सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सपा नेता नवाब सिंह यादव के नेतृत्व में करीब साढ़े तीन किलोमीटर पैदल मार्च कर फिल्म का विरोध जताया गया. इस पैदल मार्च में शहर के नागरिकों के साथ साहित्यकार भी शामिल हुए. सभी लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां पर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन दिया.
"राजा जयचंद को गद्दार साबित करने पर देंगे 50 लाख"
इस मामले में नवाब सिंह यादव का कहना है कि राजा जयचंद एक चक्रवती राजा थे. फिल्म में उनके किरदार को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं. उनको गद्दार साबित करने वाले को हम 50 लाख तक इनाम देने को तैयार हैं. वहीं, साहित्यकार सुशील राकेश ने बताया कि पूरी फिल्म को ही गलत तरीके से बनाया गया है. इसमें बहुत से तथ्य गलत दिखाए गए हैं. इस पूरी फिल्म को ही बैन कर देना चाहिए.
कौन थे राजा जयचंद?
जयचंद राठौड़ उत्तर भारत के गाहड़वाल वंश के एक राजा थे. उन्होंने गंगा नदी के पास में बसे कान्यकुब्ज और वाराणसी सहित अंटारवेदी देश पर शासन किया. राजा जयचंद का इतिहास उठाकर देखा जाए तो राजा जयचंद के शासनकाल में कन्नौज साम्राज्य उन्नत स्थिति में था. साम्राज्य विस्तार भी बहुत तेजी के साथ हुआ. कन्नौज के साथ-साथ बनारस का नाम भी इसमें शामिल है. जयचंद गाहड़वाल वंश के अंतिम शक्तिशाली राजा थे.
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