जयपाल/वाराणसी : काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने बड़ा फैसला किया. मंदिर से जुड़े लोगों को सरकारी अधिकारी का दर्जा दिया जाएगा. मंदिर के पूजारियों को मिलेंगी अधिकारियों जैसी सभी सुविधाएं. अब नये सिरे से पुजारियों कर्मचारियों और शास्त्रियों की नियुक्ति होगी. काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष ने Zee Media से Exclusive बातचीत में यह जानकारी दी है. मंदिर प्रशासन 200 नये लोगों की नियुक्ति की तैयारी कर रहा है. सभी लोगों की नियुक्ति सरकारी सेवा नियमावली के तहत होगी.


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काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद सेवा नियमावली का गठन हो चुका है. इसी के तहत भर्ती प्रक्रिया होगी. मंदिर में पूजारियों, शास्त्रियों और कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है. परिषद में सबसे महत्वपूर्ण पद पुजारियों का होगा. प्रधान पुजारी के नेतृत्व में बाबा विश्ववनाथ का पूजन संपन्न होगा. पुजारियों को सरकारी गाड़ी, सरकारी आवास, चिकित्सा सुविधा व सप्ताह में एक दिन का अवकाश मिलेगा.


काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पाण्डेय के मुताबिक 25 नये पुजारियों की नियुक्ति बाहर से आए विद्वान विशेषज्ञों की टीम करेगी.न्यास परिषद की 5 सदस्यीय की समिति ने नियुक्ति प्रक्रिया का प्रारूप तैयार किया है. इससे कोई भी पुजारी किसी दूसरे पर नहीं होगा आश्रित. जुलाई में बोर्ड की आखिरी बैठक के बाद अगस्त में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 


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फिजुलखर्ची का ध्यान रखना होगा


बहरहाल मंदिर के पूजारियों को मिलने वाली सुविधाओं में पहले भी कोई कमी नहीं थी. लेकिन सरकारी सेवा नियमावली के तहत नियुक्ति होने से उनके कार्यों में पारदर्शिता आएगी. यहां इस बात का ध्यान देना होगा कि आस्था और धर्म के नाम पर दिए गए चढ़ावे का फिजुलखर्ची में न हो. यह तभी संभव है जब मंदिर में आने वाले चढ़ावे तथा हर गतिविधि पर ट्रस्ट की कड़ी निगरानी हो.


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