लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति (UP Politics) में इस समय हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक दल विधान परिषद चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इसी बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मुलाकात की है. इस मुलाकात ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है. हालांकि, इस मुलाकात की वजह साफ हो गई है. रामगोपाल यादव भू-माफिया की पैरवी करने के लिए सीएम योगी से मिलने पहुंचे थे. 


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क्या है पूरा मामला?
जानकारी की मुताबिक, रामगोपाल ने एटा के भू- माफिया रामेश्वर यादव ( Former MLA Rameshwar Yadav) और जोगेंद्र यादव (Jogendra Yadav) की पैरवी करने पहुंचे थे. रामेश्वर यादव समाजवादी पार्टी से तीन बार के विधायक रहे हैं. रामेश्वर यादव और उनके भाई जोगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के आरोप हैं. सरकारी जमीन कब्जा करने के मामले में गैंगस्टर एक्ट के अलावा अन्य धाराओं में केस दर्ज हैं. पूर्व विधायक रामेश्वर यादव के खिलाफ 78 केस दर्ज हैं. जबकि उनके भाई व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 81 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने दोनों भाइयों की 29 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया की शुरू कर दी है. 18 जून को डीएम ने संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया था.  दोनों भाई और उनकी पत्नी के नाम पर 28,81,00, 549 रुपये की चल और अचल संपत्ति है. बता दें कि रामेश्वर यादव को पुलिस ने पहले ही गैंगस्टर एक्ट में आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, जब अपनों पर बुलडोजर चलने की आहट मिली, तो रामगोपाल यादव भागे-भागे सीएम आवास पहुंच गए.  


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सपा ने स्थिति की साफ 
वहीं, सीएम योगी और सपा के राष्ट्रीय महासचिव की मुलाकात के बाद बढ़े सियारी पारे पर सपा की ओर से स्थिति साफ की गई है. इस मुलाकात को लेकर सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने बयान दिया है. उनका कहा कि मुलाकात में दलित, पिछड़े, मुसलमान और सपा के नेताओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर चर्चा की गई है. साथ ही सरकार को चेताया गया है. अगर सरकार नहीं मानी, तो समाजवादी पार्टी सत्ता से टकराने और ईंट से ईंट बजाने की ताकत रखती है. फिलहाल वजह कोई भी, लेकिन सीएम योगी और रामगोपाल यादव की मुलाकात की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं. 



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