रामपुर: कभी-कभी कोर्ट भी ऐसे फैसले देता है जो नजीर बन जाता है. ऐसा ही एक फैसला कोर्ट ने दिया जिससे विद्युत विभाग में हड़कंप मच गया. कोर्ट के आदेश पर रामपुर में बिजली विभाग के कार्यालय को सील कर दिया गया है. रामपुर के एक्सईएन हाईडिल-1 के ऑफिस को कुर्क कर सील कर दिया गया है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला.


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आपको बता दें कि आज कोर्ट के आदेश पर अमीन द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए यह एक्शन किया यह है. इस एक्शन से विद्युत विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, मुआवजे से जुड़े एक पुराने मामले में न्यायालय ने इतना कड़ा रुख अपनाया है.


यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि मामला 31 मई 1998 का है. उत्तर प्रदेश के बरेली तहसील के मीरगंज थाना शाही के दुनका गांव में एक घटना हुई. दुनका गांव निवासी वसीर अहमद रामपुर के नगला उदई गांव में वैवाहिक समारोह में शामिल होने गए थे. रास्ते में लोहा गांव से आगपुर का मझरा के किनारे 11 हजार केवी का हाईटेंशन तार लटक रहा था. वहां से गुजरते वक्त वह अचानक हाईटेंशन तार की चपेट में आ गए और बुरी तरह से झुलस गए. इस हादसे में उनके दोनों पैर लगभग 90 फीसदी खराब हो गए. विद्युत विभाग की लापरवाही से हुई इस घटना को लेकर उन्होंने विभाग से मुआवजे की मांग की.


पीड़ित ने खटखटाया था न्यायालय का दरवाजा
पीड़ित के मांग करने के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा मुआवजा नहीं दिया गया. मुआवजा न मिलने पर पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इसके लिए उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में वाद दायर किया. इस मामले में कई तारीख पड़ी, सुनवाई हुई और बहस का दौर भी चला. बावजूद इसके पीड़ित ने हार न मानी, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में 12 नवंबर 2014 को वसीर अहमद को तीन लाख रुपये, 6 फीसदी ब्याज की दर से दिए जाने के आदेश दिया.


कोर्ट के आदेश पर भी नहीं हुआ था रकम का भुगतान
कोर्ट के आदेश के बाद भी रकम का भुगतान नहीं किया गया. पीड़ित की माने तो विभाग ने वसीर अहमद को 4.25 लाख रुपये अदा नहीं किए, जिस पर वसीर अहमद के अधिवक्ता ने दोबारा कोर्ट में इजरा दायर किया. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक अगस्त 2022 को विद्युत वितरण खंड प्रथम के कार्यालय की कुर्की कर सील करने के आदेश दे दिया. जिसके बाद न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराते हुए बुधवार को बिजली विभाग का कार्यालय सील कर दिया गया.


विद्युत विभाग के अधिकारियों ने कहा
आपको बता दें कि इस मामले में कोर्ट के आदेश पर विभाग को वादी को करीब 4.25 लाख का भुकतान करना था. वहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से पूरी रकम जमा कर दिया. इसकी सूचना उन्होंने न्यायालय में भी दे दी थी. इसके बावजूद उनका कार्यालय सीज कर दिया गया है. फिलहाल, वह इसे खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं.


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