रामपुर : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरा देश राममय हो गया है. रामपुर की रजा लाइब्रेरी भी रामोत्सव के रंग में रंग गई है. यहां रामोत्सव के मौके पर भगवान श्रीराम से जुड़े संग्रहों की प्रदर्शनी पहले ही दिन आकर्षण का केंद्र बन चुकी है. प्रदर्शनी में 1627 में मुल्ला मसीह पानीपती द्वारा फारसी में अनुवादित रामायण का प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही संस्कृत, उर्दू समेत अन्य भाषाओं में अनुवादित रामायण को भी प्रदर्शनी में रखा गया है.


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आकाश सक्सेना ने किया उद्घाटन
रामोत्सव के अंतर्गत बुधवार से रामपुर रजा लाइब्रेरी एवं म्यूजियम में भारतीय चित्रकला में भगवान श्रीराम विषय पर पवित्र रामायण की विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का उद्घाटन शहर विधायक आकाश सक्सेना, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव जैन ने किया. इस अवसर पर लाइब्रेरी 2024 के कैलेंडर का भी विमोचन किया गया.


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विधायक ने कहा कि ''लाइब्रेरी में अनेक पुस्तकें हैं. यहां प्राचीन किताबों के अतिरिक्त कई महत्वपूर्ण साहित्य हैं, जो दुर्लभ हैं. 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा है. इसे देखते हुए रामपुर रजा लाइब्रेरी में इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.''


रजा लाइब्रेरी एक ऐसा नायाब खजाना है, जहां पर हजरत अली जी साहब के हाथ से लिखा कुरान है, तो सुमेर चंद के हाथ से लिखी वाल्मीकि रामायण भी है. इस अवसर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव जैन ने कहा ''22 जनवरी  तक हम पूरे प्रदेश और देश में रामोत्सव मना रहे हैं. सभी मंदिरों में सब जगहों पर स्वच्छता अभियान भी चला रहे हैं, लेकिन ये कार्यक्रम, प्रदर्शनी जो हम कर रहे हैं, यह अपने-आप में अनोखी है.


प्रदर्शनी में ये हैं खास
1627 में फारसी में मुल्ला मसीह पानीपती द्वारा अनुवादित रामायण.
18वीं शताब्दी की उर्दू में घासीराम द्वारा लिखित रामलीला.
1825 ईसवीं में अहमद खां गफलत द्वारा लिखित किस्सा राम सीता.
टीकाकार पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र की टीका रामायण.
श्री गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस.
वाल्मीकि रामायण.
1847 में राजा राम वर्मा टीकाकार की टीका आध्यात्म रामायण सेतु.