Rapid Rail Ghaziabad to Duhai : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर को होली के पहले रैपिड रेल का तोहफा मिलेगा. एयरप्लेन की तरह तेज रफ्तार वाली रैपिड रेल गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई डिपो Rapid Rail Ghaziabad to Duhai Depot) के बीच मार्च 2023 से चलने लगेगी. 17 किलोमीटर लंबे इस गलियारे में रैपिड रेल साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. मोबाइल फोन और स्मार्ट कार्ड के जरिये रैपिड रेल यात्रा के टिकट लिए जा सकेंगे. 


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Delhi Meerut Rapid Rail Corridor : दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर
इस रेल लाइन पर ओवरहेड लाइन इक्विपमेंट का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. इस रैपिड रेल के आखिरी कोच में स्ट्रेचर का भी इंतजाम किया गया है. अगर किसी मरीज को मेरठ या किसी अन्य स्टेशन से दिल्ली रेफर किया जाता है तो अलग कोच का इंतजाम किया जाएगा. कम पैसे में और बिना किसी समय के मरीज दिल्ली एम्स, सफदरजंग, गंगाराम अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है. 


महिलाओं के लिए अलग कोच
रैपिड रेल के कोच में महिलाओं के लिए अलग कोच रखे गए हैं. साथ ही दिव्यांगों के लिए भी विशेष तरह की सीटों की व्यवस्था की गई है. इस ट्रेन में एडजस्ट करने वाली चेयर होंगे. खड़े होकर यात्रा करने वाले रैपिड रेल पैसेंजर्स के लिए भी विशेष इंतजाम होंगे.


ऑटोमैटिक डोर सिस्टम से लेकर सब कुछ
रैपिड रेल में वाईफाई, मोबाइल यूएसबी चार्जर, इंटीग्रेटेड एसी सिस्टम, स्वचालित दरवाजा खुलने वाला सिस्टम, बड़ी खिड़कियां, सामान रखने का अलग स्टोरेज, ड्राइवर से बात करने का सिस्टम (Rapid Rail driver interaction system) , बेहद आसान रूट मैप, सीसीटीवी और मनोरंजन की सुविधा भी होगी. 


अभी 13 रैपिड ट्रेनें चलेंगी
दुहाई यार्ड में 13 रैपिड ट्रेनों (rapid trains) को पार्क करने का इंतजाम किया गया है. पहले चरण में यही 13 रैपिड रेल ही चलाई जाएंगी. जबकि दिल्ल से मेरठ के बीच पूरा रूट संचालित होने के बाद दोनों शहरों के बीच 30 रैपिड रेलें चलेंगी. 


रैपिड रेल कॉरिडोर का कमांड सेंटर दुहाई में
रैपिड रेल कॉरिडोर (Rapid Rail Corridor) का ऑपरेशन और कमांड कंट्रोल सेंटर गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में बनाया जा रहा है.पूरे रैपिड रेल रूट की ट्रेनें इसी कमांड सेंटर के जरिये ही संचालित की जाएंगी. यहीं से रिमोट कंट्रोलिंग एवं निगरानी का काम भी किया जाएगा. 


एनसीआर यात्रियों को बड़ा फायदा
दिल्ली गाजियाबाद मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्देश्य एनसीआर (NCR Traffic Congestion) में बढ़ते ट्रैफिक और जनसंख्या को रोकना है, ताकि मेरठ तक के लोगों को दिल्ली-गाजियाबाद में किराये पर मकान न लेकर सीधे आधे एक घंटे में दिल्ली आने का मौका मिले. इससे ट्रैफिक जाम के साथ प्रदूषण को घटाने में भी काफी मदद मिलेगी.


2025 तक पूरी होगी परियोजना
दिल्ली से मेरठ के बीचे पूरे स्ट्रेच का काम भी 2025 के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. इसमें पहला चरण साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक मार्च में शुरू हो जाएगा. दूसरा चरण साहिबाबाद से मेरठ के बीच मार्च 2024 तक पूराहोगा. तीसरा चरण खत्म होने के साथ मेरठ से दिल्ली के सराय काले खां तक पूरा रैपिड रेल नेटवर्क चालू हो जाएगा. 


30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा लागत
दिल्ली मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट की लागतर 30275 करोड़ रुपये के आसपास आई है. ये उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार का संयुक्त उपक्रम है. पूरे कॉरिडोर में 24 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे. 


रोजाना 8 लाख लोग सफर करेंगे
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के एमडी विनय कुमार सिंह ने कहा कि 2025 तक रैपिड रेल के जरिये रोजाना करीब 8 लाख लोग सफर करेंगे. एक घंटे में दिल्ली से मेरठ का सफर तय हो जाएगा.


2 रुपये प्रति किलोमीटर किराया
रिपोर्ट के मुताबिक, रैपिड रेल का किराया 2 रुपये प्रति किलोमीटर रहेगा. प्राइवेट संचालक कंपनी खुद रेल किराया नहीं बढ़ा पाएगा. एमडी की अगुवाई वाली कमेटी ही किराया तय करेगी.