लखनऊ : लखनऊ की कोर्ट ने भाजपा सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को चुनाव अचार संहिता उल्‍लंघन मामले में दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उन्‍हें 6 महीने तक निगरानी में रखने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने चार अन्‍य लोगों को भी दोषी करार दिया है. रीता जोशी को जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें और इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने को कहा गया है. 


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2012 विधानसभा चुनाव से जुड़ा है मामला 
दरअसल, रीता बहुगुणा जोशी पर आरोप है कि वर्ष 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव का प्रचार समय समाप्त होने के बाद उन्‍होंने प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन किया था. इस संबंध में कृष्णा नगर थाने में स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी 2012 को मुकदमा दर्ज कराया था. मामले की विवेचना कर रहे रामसहाय द्विवेदी ने 11 मार्च 2012 इस संबंध में रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसी मामले में अब कोर्ट ने उन्‍हें दोषी करार दिया है. 


30 दिन में जिला प्रोबेशन अधिकारी के सामने पेश होना होगा 
बता दें कि शुक्रवार को लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट ने डॉ. रीता जोशी के अलावा मनोज चौरसिया, राम सिंह, संजय यादव और प्रभा श्रीवास्तव को आदेश दिया कि वह 30 दिन के अंदर जिला प्रोबेशन अधिकारी के सामने पेश होंगे. रीता जोशी उस समय कांग्रेस में थीं. फिलहाल वह अब भाजपा में हैं. इसी मामले में कोर्ट से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. शुक्रवार को वह लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में हाजिर हुई थीं. जहां कोर्ट ने उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया, देर शाम उन्हें सजा भी सुनाई गई. बरहाल एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने सभी दोषियों को 6 महीने की परिवीक्षा पर रहने का आदेश देते हुए रिहा कर दिया है.