लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जल्द ही मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाए जाएंगे. इससे जाम के झाम से राहत मिलेगी. दरअसल, आए दिन ई-रिक्शा हादसों की वजह बन रहे हैं. इसलिए उन्हें मुख्य मार्गों से हटाया जाएगा. इस बाबत प्रमुख सचिव परिवहन और आयुक्त ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर उन्हें हटाने के निर्देश दिया है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने से पहले होंगे फीडर रूट तय 
जानकारी के मुताबिक मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने से पहले फीडर रूट तय होंगे. शासन से आए निर्देश के अनुसार अब ई- रिक्शा सवारियों को लिंक मार्गों से लेकर मुख्य मार्ग तक आएंगे. बावजूद इसके वह उस मुख्य मार्ग पर नहीं चलेंगे. वहीं, इसके लिए सड़क सुरक्षा समितियों को सर्वे कराया जाएगा. आवश्यकता के अनुसार फीडर रूट तय होंगे.


इस बाबत पत्र जारी
आपको बता दें कि प्रमुख सचिव परिवहन और आयुक्त एल वेंकटेश्वर लू ने इस बाबत पत्र जारी किया है. इसमें निर्देश दिया गया है कि परिवहन, पुलिस, यातायात, नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम जिले में सर्वे करें. पहले ई-रिक्शा के लिए फीडर रूट का निर्धारण हो. इसके बाद जिला सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक में इसकी प्रतिमाह समीक्षा की जाए. इसके लिए तीन महीने का समय दिया गया है. मुख्य मार्गों को जोड़ने वाले मार्गों को फीडर रूट का नाम दिया गया है.


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लर्निंग डीएल पर हो रहा पंजीयन 
आपको बता दें कि रूट के निर्धारण से पहले उस रूट पर यात्रियों का लोड तय किया जाएगा. ताकि वाहनों की संख्या तय हो सके. इसके लिए नियम भी है. नियम के मुताबिक नए ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन के समय ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है. वहीं, मौजूदा हालात की बात करें तो लर्निंग डीएल पर ही ई रिक्शा का पंजीयन एआरटीओ कार्यालय में हो जा रहा है.


न्यूनतम पांच रुपये का किराया किया गया था तय
अभी ई-रिक्शा के संचालन के लिए परमिट होना जरूरी नहीं है, लेकिन नियमावली जरूर है. उस नियमावली में ई-रिक्शा का मकसद केवल कालोनी के लोगों को मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाना है. इसके लिए न्यूनतम पांच रुपये किराया भी तय किया गया था. फिलहाल, ई-रिक्शा नियमावली भूल कालोनियों के बजाए मुख्य मार्गों पर चलने लगे हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो, ज्यादातर शहरों में जाम और हादसे की बड़ी वजह ई-रिक्शा बन चुके हैं. उन्हें व्यवस्थित करने के लिए ये कदम उठाया गया हैं.