अलीगढ़ की इस मुस्लिम महिला ने घर में स्थापित की दुर्गा प्रतिमा, 9 दिन रखेंगी व्रत, कहा- किसी फतवे से नहीं डरती
Navratri 2022: गणेश प्रतिमा स्थापित कर मौलानाओं के निशाने पर आई अलीगढ़ की रूबी आसिफ खान ने अब फिर 9 दिनों के लिए अपने घर में दुर्गा प्रतिमा स्थापित की है. उन्होंने कहा कि वह किसी से नहीं डरती हैं. वह अपना काम करती रहेंगी.
अलीगढ़: पिछले दिनों अपने घर में गणेश प्रतिमा स्थापित कर मौलानाओं के निशाने पर आई रूबी आसिफ खान ने अब फिर 9 दिनों के लिए अपने घर में दुर्गा प्रतिमा स्थापित की है. आज वह अपने पति आसिफ खान के साथ दुर्गा प्रतिमा को बाजार से खरीद कर लाईं और अपने घर में विधि-विधान से स्थापित की. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर हमले होते रहे हैं, फतवे जारी होते रहे हैं लेकिन वह किसी से नहीं डरती हैं. वह अपना काम करती रहेंगी.
दरअसल भारतीय जनता पार्टी की जयगंज मंडल की उपाध्यक्ष रूबी आसिफ खान ने पिछले दिनों गणेश प्रतिमा अपने घर में स्थापित की थी. उसके बाद उनके खिलाफ मौलानाओं ने फतवा भी जारी किए लेकिन वह पीछे नहीं हटी. उन्होंने 7 दिनों तक गणेश प्रतिमा को अपने घर पर रख उसका विसर्जन भी विधि विधान से नरौरा जाकर किया था. अब नवरात्र शुरू हो चुके हैं. रूबी आसिफ खान फिर से दोनों धर्मों में आस्था दिखाते हुए पति के साथ विधि-विधान से उसको स्थापित किया. अब वह 9 दिनों तक व्रत रखेंगी ओर उसकी पूजा करेंगी. उसके बाद उसका विसर्जन करेंगी.
मीडिया से बात करते हुए रूबी ने कहा, ''आज मैंने दुर्गा माता रानी की मूर्ति की स्थापना की है 9 दिनों के लिए. मेरे मन में शुरू से ही आस्था है पूजा अर्चना की. मैं सभी तरह के त्यौहार मनाती आई हूं. मुझे अच्छा लगता है. हिंदू-मुस्लिम सब एक रहें. मैंने माता रानी से प्रार्थना की है कि इस देश में चैन,सुकून ,अमन शांति इसी तरीके से रहे. सारे भेदभाव खत्म हो जाएं. मैं अल्लाह ताला से यही दुआ करूंगी कि भेदभाव खत्म हो और ऐसे मुल्ला मौलवी जो पूरे देश को बर्बाद करना चाहते हैं उनको भगवान समझ दें.''
उन्होंने आगे कहा, मैंने 9 दिन के लिए माता रानी की मूर्ति की स्थापना की है और 9 दिन पूरे व्रत भी रखूंगी. जैसे रमजान में रखती हूं, इसी तरीके से नवरात्र में भी रखूंगी. 9 दिन बाद उसका विसर्जन करने जाऊंगी. मैं ऐसा इसलिए करती हूं कि मुझे इन चीजों से अच्छा लगता है. इन जिहादियों का काम है फतवे देना और डराना-धमकाना सिर्फ एक तरफा मुस्लिम-मुस्लिम कहना और कहलाना. यह भेदभाव खत्म इसी तरीके की एकता से होगी. जो फतवा जारी करते हैं मैं उनको कहना चाहूंगी कि वह सम्भल जाए अभी भी वक्त है हिंदुस्तान है यह, हिंदुस्तान में रहें, हिंदुस्तान की भाषा बोलें. वरना आगे बहुत नुकसान होगा. मिलजुल कर रहें तो बहुत अच्छा रहेगा.