Review By: प्रदीप राघव


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Runway34 Movie Review: आज 29 अप्रैल को सिनेमाघरों में हिंदी सिनेमा की एक और बड़ी फिल्म रिलीज़ हुई है. वह फिल्म जिसका कइयों को इंतजार था. फिल्म का नाम है रनवे-34 (Runway 34) और स्टार हैं सुपरस्टार अजय देवगन (Ajay Devgn). शिवाय (Shivaay) फिल्म की तरह इस फिल्म के पूरे कर्ता-धर्ता भी अजय देवगन ही हैं. यानी मुख्य किरदार के अलावा, फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी अजय देवगन हैं. फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), रकुल प्रीत (Rakul Preet Singh), बोमन ईरानी (Boman Irani) और अंगीरा धार (Angira Dhar) ने.


फिल्म की है दिलचस्प कहानी
कहानी सच्ची घटना पर आधारित हो और अच्छी हो तो देखने में मजा आता है. फिल्म की कहानी 2015 की उस घटना पर आधारित है, जब दोहा से कोच्ची जाने वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट कोच्ची में खराब मौसम की वजह से लैंड करते वक्त हादसे का शिकार होने से बची थी. पूरी फिल्म बस इसी घटना के इर्दगिर्द घूमती है.


क्या खराब मौसम में रनवे 34 पर प्लेन लैंड कराने का फैसला सही था?
150 यात्रियों को लेकर प्लेन मौसम और दूसरे तमाम नियमों की अवहेलना कर कैसे उतरेगा, इसको लेकर इंटरवल से पहले सांसें रुक रुक कर चलती हैं. तो इंटरवाल के बाद बस इसी बात को लेकर दिमाग को राहत नहीं मिलती कि प्लेन का पायलट विक्रम खन्ना किस तरह से रनवे 34 पर प्लेन की लैंडिंग को सही साबित कर पाएगा. फिल्म की कड़ियां और कहानी इतनी गठी हुई है कि आप फिल्म के बाहर शायद ही कुछ सोच पाएं..


'सबकुछ खो देने से बुरा होता है उस उम्मीद को खो देना जिससे सबकुछ आप दोबारा पा सकते हो'
फिल्म का यह वो डायलॉग है जो फिल्म में विक्रम खन्ना यानी अजय देवगन की पत्नी का किरदार निभा रही आकांक्षा सिंह के मुंह से सुनाई देता है...लेकिन सच मानो तो यही वो डायलॉग है जो फिल्म का क्लाइमेक्स बदल देता है. और फिल्म में ही नहीं असल जीवन में यह बात उतनी ही सार्थक है, जितनी फिल्म में दिखाई दी...रनवे 34 का मुख्य किरदार विक्रम खन्ना जिसे अपने खिलाफ चल रही जांच से जब ऐसा लगता है कि सबकुछ खत्म हो जाएगा, तब उसकी पत्नी यह बात कहकर उसमें उम्मीद और हौसला भर देती है.


कलाकारों के किरदार और उनका अभिनय
कैप्टन विक्रम खन्ना का किरदार अजय देवगन ने निभाया और रनवे 34 पर लैंडिंग को लेकर विक्रम खन्ना के खिलाफ जांच नारायण वेदांत यानी अमिताभ बच्चन कर रहे हैं. फिल्म के फर्स्ट हाफ में अजय देवगन और सिर्फ अजय देवगन दिखते हैं....तो वहीं इंटरवल के बाद अमिताभ बच्चन फिर अपनी दमदार आवाज में, जो मजाक भी गंभीरता से कर जाते हैं, उसी अंदाज में दिखते हैं. दोनों अभिनेताओं के अभिनय की तुलना कर पाना कठिन  है. ऐसा लगता है कि अमिताभ और अजय देवगन ने फिल्म की पूरी ऑडियंस को हाईजैक कर लिया है.


रकुल प्रीत जिन्होंने विक्रम खन्ना यानी अजय देवगन की को-पायलट की भूमिका निभाई है, उनकी जगह कोई और अभिनेत्री भी होती तो कोई फर्क नहीं पड़ता यानी वो सिर्फ एक फिलर के तौर पर इस्तेमाल की गई हैं. हालांकि ये अलग बात है कि उन्हें अजय देवगन के साथ फिल्म में काफी समय स्क्रीन शेयर करने का मौका मिलता है. बोमन ईरानी का जिक्र ना ही करें तो बेहतर है,वो फिल्म में सिर्फ तरह-तरह का मुंह बनाने के अलावा कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ सके.


Runway 34 का डायरेक्शन और तकनीक
यह फिल्म भारतीय सिनेमा की शानदार फिल्म है जो अपनी सिनेमैटिक क्रेडेंशियल के लिए बरसों तक जानी जाएगी. फिल्म की कहानी कितनी दमदार है यह उसकी एंडिंग पर डिपेंड करता है...तो आपको बता दूं कि फिल्म का क्लाइमेक्स आपको पूरी तरह से हिला कर रख देगा. और आप बर्बस ही कह उठेंगे ....वाह क्या एंडिग थी. यानी डायरेक्शन शानदार है और फिल्म मेकिंग कहानी को परदे पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में कामयाब रहती है.


फिल्म देखें या ना देखें
अगर आपको रियल इंसिडेट्स से इंस्पायर स्टोरी पर बनी फिल्में देखना पसंद है तो आप खुद को यह फिल्म देखने से रोक नहीं पाएंगे... दूसरी बात यह है कि अमिताभ बच्चन और अजय देवगन दोनों की अपनी-अपनी फैन फोलिंग है. तो ये ऑडियंस भी फिल्म देखने जरूर जाएगी. अब रह गए वो लोग जो इन दोनों वर्ग में नहीं आते तो उनके लिए मेरी राय है कि परिवार के साथ फिल्म देखने में कोई घाटा नहीं है, करीब ढाई घंटे की यह एक शानदार फिल्म है.


Rating: 3.5/5


रिव्यू का वीडियो देखें यहां



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