नीना जैन/सहारनपुर: दोस्त को ही उधार के पैसे वापस ना करने पड़े, इसके लिए पहले दोस्त को मौत के घाट उतारने का प्रयास किया.इसके बाद वारदात को सांप्रदायिकता रंग देने की भी साजिश रची. लेकिन कहते हैं न जाके राखे साइयां मार सके ना कोय. यह कहावत सच साबित हो गई है. मरणासन्न दोस्त न सिर्फ बच गया बल्कि उसने दोस्त से दुश्मन बने युवक की सारी सच्चाई उगल दी. मामला है सहारनपुर जनपद के थाना तीतरों क्षेत्र के तीतरो कस्बे का है.


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यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है. दोस्त के उधार के पैसे ना चुकाने पड़े इसी चक्कर में तीतरों निवासी शुभम उर्फ सूरज पुत्र सतीश अपने ही दोस्त नितिन को पिज्जा खिलाने के बहाने ग्राम गढ़ी अब्दुल्ला खान ले गया. वहां से आते समय उस पर जानलेवा हमला बोल दिया. नितिन पर पत्थर और ईटों से ताबड़तोड़ हमले किए और उसे मरा हुआ समझकर तीतरों में ही फोन कर बताया कि 4 मुस्लिम लड़कों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया था. उसे तो कम चोट आई है लेकिन नितिन को उन्होंने जान से मार दिया है. 


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बताया जा रहा है कि नितिन को सूरज ने मरणासन्न कर दिया लेकिन उसे कुछ देर बाद होश आया. पीड़ित को लोग अस्पताल ले गए. जहां उसने बताया कि उस पर किसी दूसरे संप्रदाय की व्यक्ति ने नहीं बल्कि उसकी ही दोस्त ने जानलेवा हमला कर उसे इस हाल में पहुंचा दिया है. नितिन को फिलहाल एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है. उसे 175 टांके लगाए गए हैं. 


नितिन की मानें तो उसके दोस्त शुभम और सूरज ने उस पर हमला करवाया था. वारदात को लेकर पीड़ित के पिता और कुछ समाजसेवी एसएसपी से मिले. उन्होंने आरोपी विरुद्ध कार्रवाई करने और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की. एसएसपी डॉ विपिन ताला ने बताया कि इस घटना का मामला दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है जो भी इसमें दोषी होंगे कार्रवाई की जाएगी.