Life Imprisonment: 1991 नरसंहार मामले में मृत्यु दंड का सजायाफ्ता बना था साधु, जानिए कैसे पुलिस ने किया गिरफ्तार?
UP Crime: कायमगंज मृत्युदंड का सजायाफ्ता साधू के भेष में घूमता मिला, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आइए बताते हैं पूरा मामला.
अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश में कानून को चकमा देने का मामला सामने आया है. कायमगंज मृत्युदंड का सजायाफ्ता साधू के भेष में घूमता मिला. पुलिस ने उसे घर दबोचा. बता दें कि 1991 में लखनपुर में ऐसा नरसंहार हुआ था, जिसमें पूरा इलाका एक साथ 6 हत्याओं से दहल गया था. दरअसल, यह घटना युवती को लेकर हुई थी. आइए बताते हैं पूरा मामला.
31 साल पहले हुई थी घटना
आपको बता दें कि 31 साल पहले लखनपुर गांव में एक साथ 6 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस नरसंहार से पूरा क्षेत्र दहल उठा था. इस घटना को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चाएं थी. सभी इस घटना से सभी हतप्रभ थे. तब एक साथ 6 शव लखनपुर गांव से उठे थे तो मृतकों के परिजनों और संबंधियों के चीख-पुकार से पूरा गांव गूंज उठा था.
लखनपुर गांव में हुआ था नरसंहार
आपको बता दें कि लखनपुर गांव के श्रीकृष्ण की पुत्री सोनतारा को बाबूराम के भाई झब्बूलाल का पुत्र अमर सिंह लेकर भाग गया था. ऐसा बताया जाता है कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग था. इसी रंजिश को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें बाबूराम उनके पड़ोसी गुलजारी लाल, गुलजारी लाल की पत्नी रामवती, उनका बेटा राकेश, उमेश और धर्मेंद्र की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद गांव के ही आरोपित श्रीकृष्ण, रामसेवक और किशोरीलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
मामले में एसपी ने दी जानकारी
आपको बता दें कि आरोपितों ने 19 अगस्त 1991 को कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके कुछ दिन बाद ये आरोपित जमानत पर जेल से बाहर आ गए थे. मामले की सुनवाई लगातार कोर्ट में चल रही थी. इसी बीच न्यायालय ने 20 फरवरी 2001 को मृत्युदंड की सजा सुना दी. इसके अलावा दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया. आरोपित रामसेवक और किशोरीलाल फरार चल रहे थे. इस मामले में पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया रामसेवक बाबा के भेष में घूम रहा था. उसे गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.
EPFO Update: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने पेंशनधारियों को दी ये खुशखबरी