अमेठी: कहा जाता है कि अगर हौसला, दृढ़ इच्छा और समर्पण भाव हो तो कोई भी बाधा व्यक्ति को उसकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती.जीवन में कुछ हासिल करने का सपना संजोए दोनों हाथों से दिव्यांग छात्रा सारी बाधाओं को तोड़कर देश का नाम रोशन करने के लिए आगे बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ गरीबी भी बाधा बन रही है. दोनों हाथों से दिव्यांग छात्रा अपने पैरों से नई इबारत लिख रही है और पैरों से लिखकर इंटर पास कर चुकी है. अब बीए की पढ़ाई कर रही है. दिव्यांग छात्रा दीपिका अपना सारा काम पैरों से ही करती है. छात्रा ने सरकार से सहयोग की मांग भी की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पढ़ लिखकर बनना चाहती है अफसर 
अमेठी जनपद के विकास खंण्ड क्षेत्र जामो के अचलपुर गांव की रहने वाली छात्रा दीपिका बताती है कि 'मैं दोनों हांथो से दिव्यांग हूं. अपने पैरों से लिख कर हाई स्कूल और इण्टर की परीक्षा को पास की हूं और अपने पैरों से ही सारा काम करती हूं. पढ़ लिख कर अपने पैरों पे खड़ी होना चाहती हूं और अपने देश का नाम रोशन करना चाहती हूं. कुछ बन कर दिखाना चाहती हूं, लेकिन पैसे की प्रॉब्लम है. मेरे पापा पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते है. साशन और प्रसाशन द्वारा भी आज तक किसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकार से मेरी मांग है कि मेरी अच्छी से अच्छी पढाई करने के लिए मेरी मदद करे. सरकार से मैं यही दरख्वास्त करते है. 


कानपुर क्लर्क का अनोखा लेटर, पत्नी रूठ कर चली गई है मायके वापस लाने के लिए 3 दिन की चाहिए छुट्टी


पिता ने सरकार से की यह मांग 
छात्रा के पिता समर बहादुर बताते हैं कि प्रसाशन व शासन द्वारा अभी तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला है.खेती कर परिवार का पालन पोषण करते हैं.खेती से जो पैसे आते हैं. उससे बेटी की पढ़ाई का खर्च और परिवार का भरण पोषण होता है. उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार से मांग की है कि सरकार उनकी दिव्यांग बेटी को अच्छी सुविधा दे ताकि वह अच्छे से पढ़ाई कर अपने पैरों पर खड़ी हो सके. 


UP VIRAL: शादी के बाद पति के लिए नेहा सिंह ने गाया भोजपुरी गाना, बोलीं- 'जईसन चहले रहनी वइसन पियवा मोर बाड़'