समाजवादी पार्टी को लेकर एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तत्काल प्रभाव से उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर समाजवादी पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा और बाकी सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, सहित राष्ट्रीय-राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है.



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प्रदेश अध्यक्ष का पद अभी भी बहाल
जानकारी के मुताबिक, सपा कार्यपरिषद के सम्मेलन के बाद नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही कार्यकारिणी भंग किए जाने की संभावना जताई जा रही थी. बता दें, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का पद अभी बहाल रखा गया है. 


एमवाई फैक्टर नहीं आया था काम
गौरतलब है कि जून में हुए रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव हुए तो समाजवादी पार्टी को करारी हार मिली. अपने ही गढ़ में सपा बीजेपी से हार गई. विशेषज्ञों ने बताया कि बीजेपी ने सपा के 'मुस्लिम-यादव' को तार-तार कर रख दिया.


मुस्लिम समुदाय ने दिया था सपा का साथ
CSDS की रिपोर्ट में सामने आया था कि विधानसभा चुनाव में सपा को 83 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले थे. मुस्लिम समुदाय ने बसपा और कांग्रेस को भी वोट नहीं दिया था. वहीं, ओवैसी की पार्टी को भी साफ नकार दिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय ने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसी एक पार्टी को वोट किया था. ऐसे में सपा 47 से डायरेक्ट 111 सीटों पर पहुंच गई और सपा के 31 मुस्लिम विधायक जीत गए. 


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