सुनील सिंह/संभल: हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरा मनाया जाता है. इस बार यह 5 अक्टूबर को पड़ रहा है. असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक इस त्योहार को मनाने के लिए रामलीला शुरू हो चुकी है. रामलीला के मंचन में कुछ ऐसे कलाकार होते हैं जो अपने किरदार से लोगों का दिल जीत लेते हैं. कुछ ऐसे ही हैं अरविंद, जो रावण के किरदार के शानदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं.


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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चंदौसी के रहने वाले अरविंद यूपी और दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में होने वाली रामलीला में रावण का किरदार पिछले 12 वर्षों से निभाते आ रहे हैं. उनको शानदार जीवंत अभिनय के लिए दिल्ली में 3 बार Best Ravan of NCR का अवॉर्ड भी मिल चुका है. खास बात यह है, वह संभल में स्वास्थ्य महकमे के सीएमओ कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. वह सिर्फ शौक के तौर पर रामलीला में रावण का किरदार निभाते हैं. 


शानदार बुलंद आवाज के धनी अरविंद पिछले 12 वर्षों से दिल्ली की सभी बड़ी रामलीला में अपने शानदार अभिनय से रावण के किरदार को जीवंत करते आ रहे हैं. जब वह अपनी बुलंद आवाज में अट्टहास करते हैं तो रामलीला का मंच भी थर्रा उठता है.रावण के किरदार में उनका मनपसंद डॉयलॉग है, 'मैं हूं रावण, लंका का महाराजा रावण .. लोक पालो का इष्ट देव और देवताओं का स्वामी.. मैं हूं रावण.''



रामलीला में सिर्फ रावण का किरदार निभाने के सवाल अरविंद बताते हैं, रामायण में सिर्फ रावण ही ऐसा किरदार है जोकि प्रकांड विद्वान, महा ज्ञानी , महावीर होने के साथ ही अहंकारी भी है , रावण के किरदार को निभाने के लिए इन सभी चरित्रों को निभाने का मौका मिलता है. रावण के व्यक्तित्व को किरदार से जीवंत बनाने के लिए वह पूरे वर्ष जिम करते हैं और खानपान के ध्यान के साथ ही डायलॉग के उच्चारण का अभ्यास करते हैं.