Sambhal: कोर्ट ने BJP नेता राजेश सिंघल समेत 12 लोगों के खिलाफ नामजद, 20 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने का दिया आदेश
UP News: उत्तर प्रदेश के संभल में कोर्ट ने BJP नेता राजेश सिंघल समेत 12 लोगों के खिलाफ नामजद, 20 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय जनता पार्टी के यूपी पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बीजेपी नेता राजेश सिंघल समेत 12 लोगों के खिलाफ नामजद और 20 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया है. दरअसल, राजेश सिंघल और उनके समर्थको पर गाली गलौज और जानलेवा हमला करने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक पीड़ित ने पुलिस द्वारा बीजेपी नेता के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में याचिका दायर की थी.
मामला संभल सदर कोतवाली का
जानकारी के मुताबिक मामला संभल में बीजेपी के पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष वरिष्ठ बीजेपी नेता राजेश सिंघल से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि संभल सदर कोतवाली इलाके के रहने वाले शख्स अंशु शर्मा से किसी पुराने मामले को लेकर राजेश सिंघल का विवाद चल रहा था. इसी विवाद को लेकर 5 अक्टूबर को अंशु शर्मा की बीजेपी नेता राजेश सिंघल के समर्थकों से झड़प हो गई थी. इस मामले ने अंशु ने राजेश सिंघल और उनके समर्थकों पर अभद्र भाषा में गाली गलौज करने और जानलेवा हमला करने को लेकर थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी.
पुलिस द्वारा बीजेपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज न करने पर पीड़ित ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में उसने बीजेपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर गुहार लगाई थी. इसी मामले में बीते शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जिला जज ने पीड़ित अंशु शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीजेपी नेता राजेश सिंघल समेत 12 लोगों के खिलाफ नामजद व 20 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश सदर कोतवाली पुलिस को दिया है.
जिला न्यायालय के दिया आदेश
संभल जिला न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आदेश देते हुए कहा कि 10 मार्च को अंशु शर्मा उर्फ बाबा ने प्रार्थना पत्र दिया है. अंशु शर्मा ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि बीते साल 5 अक्टूबर की रात को वह अपने भाई भास्कर के साथ सदर कोतवाली के मोहल्ला दुर्गा कॉलोनी स्थित एक हॉल में शादी समारोह में शामिल होने आए थे. घर लौटते समय उनकी कार को भाजपा नेता एवं उनके साथियों ने रोक लिया. पुरानी रंजिश के चलते उसने अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया. जानलेवा हमला बताते हुए उन्हें कोतवाली ले जाकर पुलिस के सामने पीटा गया. यही नहीं जानलेवा हमला सहित तमाम धाराओं में झूठे मुकदमें भी दर्ज करा दिए.
वहीं, इस मामले में अंशु शर्मा ने अपने प्रार्थना पत्र में ये भी बताया कि जब उनकी पत्नी दीपा शर्मा रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली पहुंची, तो पुलिस ने उनकी पत्नी की भी कोई सुनवाई नहीं की. यही नहीं पुलिस अधीक्षक से भी कार्रवाई की गुहार लगाई, लेकिन न्याय नहीं मिला. इसके बाद उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा.