सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सीएचसी (CHC) परिसर में एक इमारत भरभराकर गिर गई. कार्यदायी संस्था के इंजीनियर इस मामले में एक बंदर को दोषी ठहरा रहे हैं. हालांकि, यह जांच का विषय है लेकिन, इस मामले में निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल, इस मामले में स्वास्थ्य महकमे और जिला प्रशासन के अफसर चुप्पी साधे हुए है. आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला.


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यह है पूरा मामला
दरअसल, घटना संभल के जुनावई सीएचसी परिसर की है. यहां स्वास्थ्य विभाग दवाईयों को सुरक्षित रखने के लिए 8.22 करोड़ की लागत से ड्रग वेयर हाउस बनवा रहा था. निर्माण का ठेका सी एंड डी एस संस्था कौ सौंपा गया था. ड्रग वेयर हाउस के 18000 वर्ग फिट में लैंटर डाला जा रहा था. इस दौरान लगभग 1500 वर्ग फिट में लैंटर पड़ चुका था. शाम तक मजदूर काम में जुटे रहे. इसी बीच अचानक भर भराने की आवाज आई और थोड़ी ही देर में लैंटर गिर गया. मौके पर भगदड़ मच गई. गनीमत यह रही की कोई मजदूर घायल नही हुआ.


साइट इंजीनियर ने दी सफाई
लैंटर गिरने की सूचना से स्वास्थ्य महकमे के आला अफसर सख्ते में आ गए. ड्रग बेयर हाउस के निर्माण की कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है. अधिकारी इस पूरे मामले पर लीपा पोती करते नजर आए तो वहीं इंजीनियर पल्ला झाड़ते नजर आए. साइड इंजीनियर इंतजार अली ने तो सारी जिम्मेदारी एक बंदर पर ही डाल दी. इन्होंने फोन पर हैरान करने वाली सफाई देते हुए कहा की लैंटर के नीचे लगाई गई बल्ली बंदर के हिला दी, इसकी वजह से लैंटर ढह गया था. अब लैंटर को दोबारा डाले जाने की तैयारी की जा रही है.


बहरहाल, ड्रग वेयर हाउस के निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल इस मामले में स्वास्थ्य महकमे के आलाधिकारी चुप्पी साधे हैं. कोई कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. 


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