Sankashti Chaturthi 2022: सनातन धर्म में विघ्नहर्ता श्री गणेश को सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी अच्छे काम को शुरू करने से पहले श्री गणेश का स्मरण मात्र ही काफी है. किसी भी शुभ कार्य को निर्विघ्न संपन्न करने के लिए भगवान गणेश का नाम लेकर और उनकी पूजा कर कार्य प्रारंभ किया जाता है, जिससे उस काम के लिए पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और आपके काम सफल होते हैं. 


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कार्तिक माह की शुरुआत हो चुकी है. इन दिनों शुभ कार्यों को करना अच्छा माना जाता है. वहीं, भगवान श्री गणेश को समर्पित संकष्टी चतुर्थी व्रत भी बहुत नजदीक है. ऐसे में संकष्टी चतुर्थी का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसा माना जाता है की संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के दुख-दर्द दूर होते हैं और जीवन खुशहाल होता है. यूं तो हर महीने की चतुर्थी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है, लेकिन कार्तिक महीने में यह व्रत विशेष महत्व रखता है. आइए जानते हैं कि इस बार यह व्रत किस दिन रखा जाएगा और इसका मुहूर्त और पूजा विधि क्या है...


कार्तिक मास चतुर्थी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर 2022,  गुरुवार सुबह 1:59 से होने जा रही है. वहीं, चतुर्थी तिथि 14 अक्टूबर 2022, शुक्रवार सुबह 3:08 तक रहेगी.
संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि- 13 अक्टूबर 2022
चंद्रोदय का समय 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार रात्रि 8:09 बजे


व्रती ब्रह्म मुहूर्त में उठें
वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने वाले व्यक्ति इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. सबसे पहले स्नान ध्यान कर लें. इसके बाद श्री गणेश के स्मरण के साथ ही इस व्रत का संकल्प लें. विधि-विधान से बाप्पा की पूजा करें. गणेश जी को अक्षत, रोली, पुष्प, धूप और भोग इत्यादि अर्पित करें. इसके बाद उनके मंत्रों का जाप करें. 


रात में करें चंद्रदर्शन
संकष्टी चतुर्थी व्रत की मुख्य पूजा संध्या काल में की जाती है. रात में भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और फिर चांद के दर्शन करें. चांद को अर्घ्य दें. पूजन के बाद गणेश जी की आरती करें और जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए उनसे मांफी मांगे और परिवार के सुख की कामना करें. इस दिन आप चतुर्थी व्रत कथा का पाठ कर सकते हैं. इस बहुत फलदायी माना गया है.


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