नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा में  मारे गए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिजनों से मिलना योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) को भारी पड़ गया. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. बता दें कि पंजाब के किसान संगठनों के द्वारा की गई मांग के बाद गुरुवार की शाम हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला हुआ. 


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पीड़ित परिवारों में नहीं करना चाहिए भेदभाव 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेंद्र यादव ने लखीमपुर खीरी में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता के घर जाने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य नेताओं से परामर्श नहीं किया. इसको लेकर उन्होंने खेद जताया है. उन्होंने कहा कि मृत किसानों के परिवार के साथ ही मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के शोकाकुल परिवार से भी मिलकर कुछ भी गलत नहीं किया. पीड़ित परिवारों में भेदभाव नहीं करना चाहिए. 


पंजाब के किसान संगठनों को नहीं आया पसंद 
लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों और एक पत्रकार के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद योगेंद्र यादव उस बीजेपी कार्यकर्ता के घर भी गए जिसकी प्रदर्शनकारियों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, जब किसानों को कुचला गया. योगेंद्र यादव का यह कदम पंजाब के किसान संगठनों को पसंद नहीं आया. 


आपको बता दें कि तीन अक्टूबर को जिले के तिकोनिया इलाके में हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. 


आशीष को नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जबकि लखीमपुर खीरी की एक स्थानीय अदालत ने मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों की तीन दिन की पुलिस हिरासत की अर्जी गुरुवार को मंजूर कर ली. इन आरोपियों में सुमित जायसवाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट और शिशुपाल शामिल हैं.


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