Satish Kaushik : सतीश कौशिक का लखनऊ से रहा गहरा नाता, यूपी के फिल्म सिटी प्रोजेक्ट के भी मुरीद थे
Satish Kaushik : सतीश कौशिक का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ताल्लुकात रहा है. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को यूपी में फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ा प्रोत्साहन बताया था.
Satish Kaushik : फिल्म निर्माता निर्देशक और कलाकार सतीश कौशिक का बुधवार रात हार्ट अटैक से निधन हो गया. बॉलीवुड एक्टर डायरेक्टर सतीश कौशिक का 66 साल के थे. बुधवार देर रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाया गया था. इसके बाद तबियत ज्यादा बिगड़ने से सतीश कौशिक का निधन हो गया.फोर्टिस अस्पताल कंट्रोल रूम से ये जानकारी दी गई.सुबह 4 बजे सतीश कौशिक के शव को परिजन अस्पताल से लेकर निकल गए. दोपहर को सतीश कौशिक की पार्थिव देह उनके अंधेरी वाले घर पहुंची. मुंबई में 15 से 20 मिनट तक अंतिम दर्शन के बाद आज ही उनका अंतिम संस्कार करने की योजना है.
सतीश कौशिक की कई फिल्मों के किरदार यूपी से जुड़े हुए थे. इससे पहले वो जुलाई 2022 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आए थे. वो अपने टीवी सुमित संभाल लेगा को लेकर उत्तर प्रदेश आए थे. वो अपनी फिल्म कागज 2 की शूटिंग के लिए भी जून में लखनऊ आए थे. कौशिक ने कहा कि पिछले 30-40 सालों में लखनऊ और यूपी के दूसरे शहर पूरी तरह बदल चुके हैं. सतीश का कहना था कि नाटकों के सिलसिले में उनका लखनऊ आना होता था. 1976 में रंजीत कपूर के नाटक बिच्छू में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ आए थे. उन्होंने फिल्म सिटी प्रोजेक्ट की भी खूब तारीफ की थी.
सतीश कौशिक ने रूप की रानी चोरों का राजा फिल्म का निर्देशन 1993 में किया था. जबकि 1983 में फिल्म मासूम का भी वो हिस्सा था. वर्ष 2015 में द ग्रेट इंडियन फैमिली ड्रामा टीवी सीरियल में उनका अभिनय यादगार रहा.
सतीश चंद्र कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हुआ था. उन्हें एक बेहतरीन फिल्म प्रोड्यूसर, कॉमेडियन और स्क्रीनराइटर के तौर पर जाना गया. हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में जन्मे कौशिक को कम उम्र से ही अभिनय से लगाव था. उन्होंने दिल्ली के किरोड़ी मल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. फिर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) और फिल्म टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से अभिनय और निर्देशन की ट्रेनिंग ली. फिल्म मिस्टर इंडिया में सतीश कौशिक का कैलेंडर वाला किरदार काफी लोकप्रिय (Calendar Mr. India) हुआ.
दीवाना मस्ताना में पप्पू पेजर (Pappu Pager in Deewana Mastana) , ब्रिटिश फिल्म ब्रिक लेन में भी वो नजर आए. उन्होंने दो बार फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड जीता. पहली बार 1990 में राम लखन और फिर साजन चले ससुराल (Saajan Chale Sasural) के लिए. कुंदन शाह की फिल्म जाने भी दो यारों के लिए डायलॉग भी लिखे. वर्ष 1999 में हम आपके दिल (Hum Aapke Dil Mein Rehte Hain) में रहते हैं, उनके फिल्म निर्देशन की हिट फिल्म साबित हुई.
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