Yes Bank: मैक स्टार मार्केटिंग केस में यस बैंक को बड़ा झटका लगा है. एनसीएलएटी (NCLAT) ने इन्साल्वेंसी का आदेश खारिज कर दिया है.ट्रिब्यूनल ने साफ तौर पर कहा, ऋण की शर्तें आपसी साठगांठ की ओर इशारा करती हैं. लोन के नाम पर जो रकम कंपनी को दी गई वो 1-2 दिन में ही यस बैंक के पास वापस आ गई. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेंट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मैक स्टार मार्केटिंग के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के NCLT के आदेश को रद्द कर दिया है. ट्रिब्यूनल की खंडपीठ ने कहा कि यस बैंक (Yes Bank) की ओर से दिया गया टर्म लोन आंखें खोलने वाला है. इस तरह का लेनदेन फाइनेंशियल लोन के दायरे में नहीं आता है. ऐसी हालत में सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन को फाइनेंशियल क्रेडिटर नहीं माना जा सकता.


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147 करोड़ का लोन दिया था
टिब्यूनल ने कहा कि मैक स्टार के नाम पर यस बैंक की और से मंजूर 147.6 करोड़ रुपये के कर्ज में से 99 फीसदी से ज्यादा राशि या तो बैंक को उसी दिन या फिर बहुत कम समय में वापस आ गई. इस लेनदेन के पीछे बैंक का कोई छिपा मकसद हो सकता है. साठगांठ वाले लेनदेन की वजह से इसे इन्साल्वेंसी कानून की धारा 5(8) के तहत ये वित्तीय कर्ज की परिभाषा में नहीं आता. यस बैंक ने 147.6 करोड़ रुपये का लोन दिया था और बाद में इस लोन को सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को बेच दिया था.


जानें पूरा मामला
NCLAT ने 27 अक्टूबर 2021 को NCLT की तरफ से जारी आदेश को निरस्त कर दिया. एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन की याचिका के आधार पर मैक स्टार मार्केटिंग (Mack Start Marketing) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. यस बैंक की तरफ से सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन को कर्ज देने के लिए अधिकृत किया गया था.


NCLAT की तीखी टिप्पणी
यस बैंक ने मैक स्टार मार्केटिंग को 147.6 करोड़ रुपये का लोन दिया था. लोन 100 करोड़ रुपए की लागत से 2 साल पहले बनी बिल्डिंग कैलेडोनिया की मरम्मत के लिया दिया गया था. लेकिन 99 फीसदी रकम एक दिन या बहुत ही कम समय में घूम कर फिर यस बैंक में वापस आ गई. इसीलिए NCLAT ने इसे साठगांठ वाला ट्रांजेक्शन माना. बीते साल सितंबर में मैक स्टार के खिलाफ NCLT ने इन्सॉल्वेंसी की अर्जी मंजूर की थी. अब कंपनी का मैनेजमेंट फिर से पहले की तरह बहाल हो सकेगा.


केस हुई थी राणा कपूर की गिरफ्तारी
कुछ वक्त पहले ईडी ने मैक स्टार ग्रुप मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार किया था. HDIL की मैक स्टार ग्रुप में एक हिस्सेदारी थी और उसने Mack Star में अन्य हितधारक की जानकारी के बिना Yes Bank से लोन लिया था. मैक स्टार समूह ने अपने एक नए प्रोजेक्ट के रेनोवेशन के नाम पर लोन लिया था. लोन देने का तरीका संदिग्ध था, क्योंकि यह प्रोजेक्ट की मरम्मत और रेनोवेशन के उद्देश्य के लिए उधार लिया गया था.