शिव कुमार/शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर की पुलिसिया कार्रवाई पर कोर्ट नाराज हो गया. पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्‍ट कोर्ट ने शाहजहांपुर के 9 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने का आदेश दे दिया. पूरे मामले में कोर्ट ने गलत कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर पुलिस ही अपराध करने लगेगी तो जनता किसके पास इंसाफ मागने जाएगी. मामले में पीड़ितों को बेवजह जेल की सजा काटनी पड़ी है. 


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, यह मामला 2017 का है. थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला पक्का तालाब के रहने वाले वेंकटेश मिश्रा 19 अगस्त 2017 में अपने दोस्त आशीष और अखिलेश के साथ बाइक से जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी दुर्गा होटल के पास कॉन्स्टेबल विजय वीर सिंह और अजय चौहान के वाहन से टकरा गई. 


रुपये छीन मारपीट की 
इसके बाद उनको पकड़कर पुलिस थाने ले आई और उनकी जेब से 6 हजार 720 रुपये पुलिस ने छीन लिए और उनकी जमकर पिटाई भी की. इसके बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार डीसी शर्मा ने वेंकटेश मिश्रा और उनके दोस्त आशीष और अखिलेश को पुलिस पर हमला करने के आरोप में जेल भेज दिया.  


फर्जी मामले में जेल भेजने का आरोप 
जेल से छूटने के बाद वेंकटेश मिश्रा ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. अब 6 साल बाद 9 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश हुआ है. वेंकटेश मिश्रा का कहना है कि वह एक्सिस बैंक में फील्ड ऑफिसर है. उन्होंने सीजीएम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार डीसी शर्मा, उप निरीक्षक बलराज सिंह, जय प्रकाश सिंह, क्रांतिवीर सिंह, कांस्‍टेबल विजय वीर सिंह, अजय चौधरी और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने रुपये छीनने और फर्जी प्रकरण में जेल भेजने का आरोप पत्र दाखिल किया था. 


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