शिव कुमार/शाहजहांपुर: शाहजहांपुर के एक रिक्शा चालक ने ईमानदारी की ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है. यहां रिक्शा चालक को नोटों से भरा थैला मिला, जिसे उसने पूरी ईमानदारी के साथ उसके मालिक तक वापस पहुंचा दिया. रिक्शा ड्राइवर का कहना है कि पैसा नहीं, बल्कि ईमानदारी ही इंसान की सबसे बड़ी दौलत होती है. फिलहाल, रिक्शा चालक के इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है और लोग उसे से सम्मानित कर रहे हैं.


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रास्ते में मिला थैला, थीं नोटों की गड्डियां
दरअसल अली जइ मोहल्ले के रहने वाले लईक अहमद उर्फ लल्लू शहर के कॉन्वेंट स्कूल में रिक्शे के जरिए बच्चों को लाने और ले जाने का काम करते हैं. लईक अहमद जब रिक्शे से बच्चों को घर छोड़ने जा रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें एक फैला पड़ा हुआ मिला. जब उन्होंने थैला खोलकर देखा तो उसमें नोटों की गड्डियां भरी हुई थीं, लेकिन नोटों की गड्डी लईक की ईमानदारी को डगमगा नहीं पाई. लईक अहमद ने नोटों से भरा बैग स्कूल मालिक को सौंप दिया और उनसे पैसे को असली मालिक तक पहुंचाने की अपील की. स्कूल मालिक ने पैसे मिलने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. 


रिटायर्ड कर्मचारी के थे पैसे
अगले दिन कृष्ण गोपाल भारद्वाज नाम के व्यक्ति ने बताया कि वह रिटायर कर्मचारी हैं और उनका 14000 नगद और 3000 के कूपन बैग में रखे हुए थे, जो गिर गए थे. सही जानकारी देने पर स्कूल मालिक ने उनके पैसे लौटा दिए. हालांकि लईक अहमद को महीने भर में कमाने के बाद महज 4000 के करीब इनकम मिलती है. लेकिन हजारों की रकम देखने के बाद भी उनका यह ईमान नहीं डोला. उनका कहना है कि ईमानदारी से बढ़कर इंसान के लिए कोई दूसरी दौलत नहीं है.


चारों तरफ हो रही चर्चा
रिक्शा चालक लईक अहमद की ईमानदारी की पूरे शहर में चर्चा हो रही है. उनकी ईमानदारी के कारण उनके मोहल्ले का नाम रोशन हुआ है, जिसको लेकर मोहल्ले के लोग और स्कूल प्रशासन भी उनकी सराहना कर रहे हैं. कहते हैं कि गरीब के पास वैसे तो कुछ नहीं होता, लेकिन उसकी ईमानदारी और मेहनत ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती हैं. यही वजह है कि रिक्शा चालक लईक को नोटों से भरा बैग मिलने के बाद भी उनका ईमान नहीं डोला और उन्होंने पूरा पैसा ईमानदारी के साथ वापस कर दिया.


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