श्रवण शर्मा/शामली: सावन महीने में जहां कावड़ियों के बम-बम के जयकारे चारों ओर सुनने को मिल रहे हैं. वहीं हरिद्वार से गंगा मैया में नहलाकर अपनी कांवड़ में अपने माता पिता को बिठाकर तीन भाई अपने कंधे पर लेकर मुजफ्फरनगर को होते हुए आज शामली पहुंचे. जहां उनका स्थानीय लोगों ने बम बम के जयकारे लगाते हुए स्वागत किया है तो वहीं कुछ लोगों ने उन्हें फल और पानी पिलाकर उनकी सेवा करने का प्रयास किया है.


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माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर ले जा रहे तीन भाई
कलयुग में श्रवण कुमार बने तीनों भाइयों ने बताया कि वह लोग मजदूरी करते हैं और अपने माता-पिता की खुशी के लिए उन्हें गंगा मैया में नहलाकर अपने कंधे पर कांवड़ में बिठा कर ले कर जा रहे हैं. 


तीनो कांवड़िये भाई पानीपत के हैं रहने वाले
आपको बता दें कि एक और जहां पुराण काल में श्रवण अपने माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर गंगा मैया के दर्शन करा कर लाया था. तो वहीं अब हरिद्वार से आ रहे अपने माता-पिता को कांवड लेकर यह पानीपत के रहने वाले हैं. जो हरिद्वार से कांवड़ में अपने माता पिता को बैठाकर बारी-बारी तीनों भाई अपने कंधे पर लेकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं.


शामली पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने किया भव्य स्वागत 
वहीं जहां हरिद्वार से आज वह शामली पहुंचे हैं. वहीं उनका स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया है और उनका हौसला अफजाई करने के साथ-साथ बम बम के जयकारे भी लगाये हैं. उनके साथ-साथ भी कुछ कदमों तक चल रहे हैं. वहीं, इस मामले में कांवड लेकर आने वाले भाइयों का कहना है कि हम लोग मजदूरी करते हैं. हम घर में 5 भाई हैं. जिनमें से तीन भाई अपने माता-पिता को हरिद्वार गंगा में नहलाकर फिर कावड़ में बैठकर अपने घर लेकर जा रहे हैं. बस माता-पिता की खुशी के लिये ही ऐसे कांवड़ लेकर जा रहे हैं.