शामली का यह मुस्लिम शिवभक्त छठवीं बार ले जाएगा कांवड़, DM से की अनुमति पत्र देकर जाने की मांग
शामली जनपद के गांव भैंसवाल निवासी वकील मलिक पुत्र मेहरदीन ने डीएम को दिए प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि वह मुस्लिम धर्म में तेली जाति से है. वह हिन्दू समाज के भगवान शिव में आस्था रखता है. परिवार की सुख शांति के लिए वह हरिद्वार से पांच बार शिव कांवड़ लाकर गांव भैंसवाल के मंदिर में गंगा जल चढ़ा चुका है. जिसमें गांव में मंदिर कमेटी व गणमान्य लोगों को कोई आपत्ति नहीं है.
श्रवण शर्मा/शामली: भगवान शिव को समर्पित सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है. शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त कांवड़ यात्रा के जरिए गंगाजल लाकर पर अभिषेक कर रहे हैं. इसी क्रम में मुस्लिम धर्म से होने के बाद भी वकील मलिक हरिद्वार से पवित्र गंगा जल की कांवड़ ले जाने के लिए तैयार हैं. इससे पहले भी वह पांच बार कांवड़ ला चुका है और अब छठी बार कांवड़ लेने जाना चाहता है लेकिन शरारती तत्वों द्वारा परेशान व तंग किए जाने की आशंका के चलते उसने जिलाधिकारी से अनुमाती पत्र देकर जाने की मांग की है.
पांच बार ले जा चुके हैं कांवड़ यात्रा
आपको बता दें कि शामली जनपद के गांव भैंसवाल निवासी वकील मलिक पुत्र मेहरदीन ने डीएम को दिए प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि वह मुस्लिम धर्म में तेली जाति से है. वह हिन्दू समाज के भगवान शिव में आस्था रखता है. परिवार की सुख शांति के लिए वह हरिद्वार से पांच बार शिव कांवड़ लाकर गांव भैंसवाल के मंदिर में गंगा जल चढ़ा चुका है. जिसमें गांव में मंदिर कमेटी व गणमान्य लोगों को कोई आपत्ति नहीं है.
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डीएम को दिया प्रार्थना पत्र
लेकिन इस बार वकील मलिक ने बताया कि वह इस बार भी हरिद्वार से कांवड़ लाना चाहता है. जिसमें कुछ शरारती तत्व आपत्ति करते हुए परेशान व तंग कर सकते हैं. इसलिए वकील ने शामली जिलाधिकारी जसजीत कौर को प्रार्थना पत्र सौंपकर सहायता करने व शरारती तत्वों से उसकी व उसके परिवार को तंग व परेशान नहीं करने की सख्त हिदायत देने की मांग की है. जिससे वहां आसानी से शिव भक्तों के साथ ही कांवड़ ला सके और परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना ने घटित हो.
बता दें कि मुस्लिम धर्म से आने वाले वकील मलिक पिछले पांच साल से कांवड़ यात्रा करने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाते आ रहे हैं. इसके पीछे उनका उद्देश्य लोगों को एकजुट करने का संदेश देने की है. उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा के पीछे वह बताना चाहते हैं कि ईश्वर एक है, हम ही इसमें मतभेद पैदा करते हैं.
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