UP shikshamitra News : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने डेढ़ लाख शिक्षामित्रों को होली के बड़े तोहफा दिया है. उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षामित्र भी अब सरकारी शिक्षकों की तरह 60 साल में सेवानिवृत्त होंगे. लेकिन उनका हर साल नौकरी का रिन्यूअल पहले की तरह किया जाता रहेगा. 


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यूपी सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षामित्रों के कांट्रैक्ट पर काम करने की अधिकतम आयु सीमा बढ़ा दी है. वे सरकारी स्थायी शिक्षकों के जैसे ही 60 साल तक नौकरी कर सकेंगे. शिक्षामित्र इसके लिए लंबे समय से सरकार से मांग करते रहे हैं. 


उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने यह जानकारी दी है. शिक्षामित्रों की कांट्रैक्ट आधारित सेवाएं 60 साल की आयु के साथ ही पूरी मानी जाएंगी. बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों को लेकर शिक्षामित्र योजना के इस फैसले की जानकारी दी है. इस फैसले का लाभ करीब   1.46 लाख शिक्षामित्रों को मिलने वाला है.


इससे पहले 1999 में स्थायी शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्राइमरी स्कूलों में सालाना कांट्रैक्ट पर शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई थी. सरकार ने कई बार इनका मानदेय भी बढ़ाया गया है. विशिष्ट बीटीसी के जरिये सपा सरकार के दौरान तमाम शिक्षामित्रों को स्थायी नौकरी भी दी गई थी. हालांकि बाद में वो मामला अदालत तक पहुंच गया.


हालांकि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र लंबे समय से उनकी नौकरी स्थायी करने की मांग करते रहे हैं. उनका कहना है कि सरकारी टीचरों के जैसा ही अध्यापन कार्य और अन्य जिम्मेदारियां निभाने के कारण उन्हें भी स्थायी किया जाए. इसको लेकर शिक्षामित्र लंबे समय से आंदोलन भी करते रहे हैं. हालांकि सरकार ने उन्हें टीईटी पास कर सरकारी शिक्षक बनाने का रास्ता खोला है.  


 


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