नई दिल्ली: शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Shiv Sena mouthpiece Saamana) और उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (Asaduddin Owaisi's Party AIMIM) को भाजपा का 'अंडरगारमेंट' बताया है. सोमवार को सामना के संपादकीय में लिखा गया कि ओवैसी बीजेपी की सफल यात्रा के सूत्रधार रहे हैं. उनकी वजह से बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी हुई और तेजस्वी के नेतृत्व में राजद की सरकार नहीं बन पाई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शिवसेना के निशाने पर असदुद्दीन ओवैसी 
‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि पश्चिम बंगाल की जनता ओवैसी को लेकर समझदार रही, इसलिए ममता बनर्जी की जीत हुई और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी सक्रिय हो गए हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए ओवैसी और भाजपा की राजनीति को 'तोड़ो-फोड़ो और जीतो' की राजनीति बताया है.


ओवैसी भाजपा की सफलता के सूत्रधार हैं
सामना में लिखा है, ''उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव होने तक क्या-क्या देखना पड़ेगा, क्या-क्या कराया जाएगा, यह कहा नहीं जा सकता. भारतीय जनता पार्टी की सफल यात्रा के पर्दे के पीछे के सूत्रधार मियां असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM बेहतरीन ढंग से काम में जुटी नजर आ रही है. उत्तर प्रदेश चुनाव के मौके पर जातीय, धार्मिक विद्वेष निर्माण करने की पूरी तैयारी ओवैसी महाशय ने कर ली है, ऐसा नजर आ रहा है.''


स्क्रिप्ट का हिस्सा है 'पाकिस्तान जिंदाबाद'
शिवसेना ने सामना के जरिए कटाक्ष करते हुए लिखा है, ''दो दिन पहले ओवैसी के प्रयागराज से लखनऊ जाने के दौरान रास्ते में उनके समर्थक जुटे और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. उत्तर प्रदेश में इस तरह की नारेबाजी का कोई ब्योरा इससे पहले दर्ज नहीं है. विधानसभा चुनाव से पहले ओवैसी यूपी आते हैं, भड़काऊ भाषण देते हैं, अपने निरंकुश समर्थकों को उकसाते हैं और पाकिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजी शुरू हो जाती है. यह पूरी घटना योजनाबद्ध ढंग से लिखी गई पटकथा की तरह दिखाई देती है.''


ओवैसी भाजपा के 'अंतरवस्त्र' कहे जाएंगे
सामना के संपादकीय में आगे लिखा गया है, ''सिर्फ मुसलमानों की राजनीति राष्ट्रवाद हो ही नहीं सकती. राम मंदिर से वंदे मातरम् तक विरोध मुस्लिम समाज को दिशा देने की नीति नहीं हो सकती है. मुसलमान इस देश के नागरिक हैं और उन्हें देश के संविधान का पालन करते हुए ही अपना मार्ग बनाना चाहिए. ऐसा कहने की हिम्मत जिस दिन ओवैसी में आएगी, उस दिन ओवैसी को राष्ट्र नेता के रूप में प्रतिष्ठा मिलेगी. अन्यथा भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी के अंतरवस्त्र के रूप में ही उनको याद किया जाएगा.''


मोहम्मद अली जिन्ना से ओवैसी की तुलना
शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है कि मुहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) भी पहले राष्ट्रभक्त थे, बाद में पाकिस्तान बना गए. ओवैसी राष्ट्रभक्त ही हैं. जिन्ना की ही तरह ओवैसी भी उच्च शिक्षित, कानून के पंडित हैं. परंतु उसी जिन्ना ने राष्ट्रभक्ति का बुर्खा ओढ़कर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा दिया था. देश के विभाजन की यह साजिश थी और उसके पीछे ब्रिटिशों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति थी. आज ओवैसी की सभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लग रहे हैं. इसके पीछे भी 'तोड़ो-फोड़ो और जीत हासिल करो' की मंशा है. पाकिस्तान का जिक्र किए बगैर भाजपा की राजनीति आगे नहीं बढ़ेगी.


WATCH LIVE TV