Kanpur: गंगा के तेज बहाव में 6 डूबे, 4 को गोताखोरों ने बचाया, कब थमेगी लापरवाही
Kanpur: शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब किसी न किसी जल स्रोत में बच्चों के डूबने की घटनाएं न हों, लेकिन न तो स्थानीय लोग और न ही प्रशासन सबक लेता है. कानपुर में ऐसी ही एक दर्दनाक घटना हुई है.
प्रकाश अवस्थी/कानपुर : राज्य के औद्योगिक शहर कानपुर में शुक्रवार को उस वक़्त हड़कंप मच गया जब जाजमऊ थाना क्षेत्र इलाके में गंगा में नहाने गए 6 बच्चे डूब गए. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्नान के वक्त गंगा का बहाव अचानक तेज हो गया. इससे नहा रहे 6 बच्चे पानी में डूब गए. चीखपुकार के दौरान मौके पर मौजूद गोताखोरों ने दौड़ कर डूब रहे नितिन पांडे, निखिल निषाद, विवेक निषाद व आर्यन निषाद को बचा लिया, लेकिन लक्ष्य सिंह व शिवा निषाद को नहीं बचा सके. इससे दोनों की पानी में डूब कर मौत हो गई. हादसे के बाद बचाये गए बच्चों को को इलाज के लिए काशीराम ट्रामा सेंटर चकेरी भेजा गया. घटना की सूचना पर पहुंचे परिजनों ने अपने बच्चों के शवों को देखा तो वहां चीख पुकार मच गया.
बताया जा रहा है कि इलाके के सर्वेंद्र कुमार का बेटा अदविक उर्फ लक्ष्य (15) हाईस्कूल का छात्र था. दोनों इलाके के सुशील के बेटे रितिक पांडेय (14), संतोष के बेटे निखिल निषाद (14), राजन के बेटे विवेक निषाद(15) और राजाराम के बेटे आर्यन निषाद (15) के साथ सिद्धनाथ घाट नहाने पहुंचे. थाना प्रभारी रामबाबू सिंह के मुताबिक सभी बच्चे गंगा में नहाने के दौरान डूबने लगे थे.
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गोताखोरों ने सभी को बाहर निकाला. हालांकि परिजनों ने मृतका पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है. लिखित में परिजनों से लेकर शवों को उनके सुपुर्द कर दिया गया है. नदी, नाले और तालाब में बच्चों के डूबने की यह कोई पहली घटना नहीं है. प्रदेश में आए दिन इस तरह के हादसे होते रहते हैं. लेकिन न तो स्थानीय लोग सबके लेने को तैयार हैं और न ही स्थानीय प्रशासन के कानों में जू रेंगती. जरूरत इस बात की है कि लोग छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर पहले तो खुद जवाबदेह बनें. प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसी जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे.
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