Jara Hatke Khabar: 'जब हम छोटे थे तो गोलगप्पे एक के चार मिला करते थे', इस तरह के किस्से लोगों के मुंह से आपने खूब सुने होंगे. लोग बड़े चाव से अपने दौर में मिलने वाली चीजों की कीमतों के बारे में बताते हैं, जो आज की कीमतों से बेहद कम होती हैं. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें साल 1987 में गेहूं की कीमतों के बारे में बताया गया है, जिसको लेकर इंटरनेट यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.


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दरअसल, भारतीय वन सेवा अधिकारी (IFS Officer) परवीन कस्वां (Parveen Kaswan) ने दो जनवरी रात 9 बजे के करीब सोशल मीडया पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें उन्होंने साल 1987 के बिल की तस्वीर साझा की, इस बिल में गेहूं की 1987 में कीमत 1.6 रुपये प्रति किलोग्राम थी. 


उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ''एक समय जब गेहूं 1.6 रुपए किलो हुआ करता था. मेरे दादाजी ने 1987 में भारतीय खाद्य निगम को गेहूं की फसल बेची थी.'' साथ ही लिखा, दादाजी की सारे रिकॉर्ड दुरुस्त रखने की आदत थी. इस दस्तावेज़ को जे फॉर्म कहा जाता है. उनके संग्रह में पिछले 40 वर्षों में बेची गई फसलों के सभी दस्तावेज हैं, कोई भी घर पर ही पढ़ सकता है. 



यूजर्स ने कुछ यूं दी प्रतिक्रिया
एक यूजर ने लिखा,"इसे पोस्ट करने के लिए धन्यवाद सर. मैंने आज पहली बार जे फॉर्म के बारे में पढ़ा है."एक ने लिखा 1987 में सोने की कीमत 2,570 रुपये थी, इसलिए आज की महंगाई / सोने की दर के अनुसार, गेहूं की कीमत 20 गुना होती.''. वहीं एक यूजर ने लिखा, शानदार, उस समय के बुजुर्ग खर्च किए गए हर पैसे का पूरा विवरण लिखते थे. उनके द्वारा बेची गई फसल का इस तरह रिकॉर्ड रखें. सीखने के लिए बहुत कुछ.''


बता दें कि  भारतीय वन सेवा अधिकारी  परवीन कस्वां की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इसको अब तक 45.3 हजार से ज्यादा लोगों द्वारा देखा जा चुका है. वहीं, पोस्ट को 7 सौ से ज्यादा लाइक और कई कमेंट मिल चुके हैं. साथ ही 18 लोगों ने रिट्वीट किया है. 


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