Som Pradosh Vrat 2023:  हर महीने में 2 त्रयोदशी पड़ती हैं. पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में.  इस समय चैत्र माह चल रहा है और इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत 03 अप्रैल 2023 दिन सोमवार यानी आज रखा जा रहा है. सोमवार को होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहते हैं.  इस दिन त्रयोदशी तिथि सुबह 6 बजकर 25 मिनट से लग रही है. सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसके नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है. आज सोमवार का दिन है यानि आज सोम प्रदोष व्रत किया जा रहा है.


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बन रहा अनंग त्रयोदशी का शुभ संयोग
इसके साथ ही इस शुभ दिन पर अनंग त्रयोदशी का भी शुभ संयोग बन रहा है.  सोम प्रदोष व्रत पर चंद्रमा सूर्य की राशि में रहेंगे और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का प्रभाव बना रहेगा. सोम प्रदोष के साथ बन रहे अनंग त्रयोदशी के शुभ संयोग पर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने पर व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं.   इस दिन आप भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा कर सकते हैं.


सोम प्रदोष तिथि 
त्रयोदशी तिथि आरंभ
03 अप्रैल- सोमवार- प्रातः 06: 25 मिनट


त्रयोदशी तिथि समाप्त
04 अप्रैल, मंगलवार, प्रातः 08: 0 6 मिनट


सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त
3 अप्रैल, सायं 05: 55 मिनट से  सायं 07:30 मिनट तक


सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि 
पंचाग के मुताबिक सोम प्रदोष व्रत में प्रदोष काल यानी शाम का समय शुभ माना जाता है. सूर्य के डूबने से पहले एक घंटे पूर्व स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. शाम के समय पुनः स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें. शिवलिंग का गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें.  इसके बाद शुद्ध जल से 108 बार ॐ सर्व सिद्ध प्रदाये नमः मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद विधि पूर्वक पूजन और आरती करें.


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होता है पितृदोष दूर
ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महादेव का ध्यान करते हुए नहाने के पानी में काले तिल डालकर 'ॐ नम: शिवाय' का जप करते हुए स्नान करें. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और पितृ दोष भी दूर होता है.


कुंडली में चंद्रमा की स्थिति होती है मजबूत
सोम प्रदोष व्रत से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है. आज के दिन जो भी भक्त सोम प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करते हैं, उनको भोलेनाथ मनचाहा वरदान देते हैं.


चंद्रमा को मजबूत करने के लिए निम्न मंत्र का जाप करें


ॐ इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते


ज्यैष्ठयाय महते जानराज्यायेनद्रस्येन्द्रियाय।


इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश


एष वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणाना राजा।।


सोम प्रदोष व्रत का महत्व 
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है.  सोम प्रदोष पर भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की पूजा की जाती है. धर्म शास्त्रों की मान्यतानुसार, जो लोग इस दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं और पूरे दिन उपवास करते हैं, उन्हें स्वास्थ्य, धन, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन का आशीर्वाद मिलता है. जो लोग विभिन्न रोगों से पीड़ित हैं उन्हें सोम प्रदोष से राहत मिलेगी. सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व है. ऐसा  कहा जाता है कि सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान भोलेनाथ भक्तों पर बड़े प्रसन्न होते हैं. 


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