बहराइच जेल में बंद मां को 9 साल तक तलाशता रहा बेटा, इस मिलने ने सबको रुलाया
जिला कारागार से एक बहुत ही इमोशनल कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. मामला 7 साल की उम्र में मां से बिछड़े हुए एक मां और बेटे के मिलन से जुड़ा हुआ है.
राजीव शर्मा/बहराइच: नेपाल की रहने वाली अनीता नाम की महिला को रुपईडीहा से पुलिस ने वर्ष 2013 में NDPS की धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 7 महीने की उम्र में मां से बिछड़ा हुआ बेटा अपनी मां की तलाश कर रहा था. वहीं उसकी मां बहराइच में जेल में सजा काट रही थी. और जब जेल से छूटी महिला बंदी की बेटे को ख़बर दी गई तो बेटा अपनी मां से मिलने जेल पहुंचा. जहां मां और बेटे की 9 साल के लंबे अंतराल के बाद मुलाकात हुई.
9 साल तक किसी ने हाल नहीं पूछा
पिछले 9 साल से जेल में बंद महिला से कोई भी मिलने नहीं आया. परिवार वालों को जानकारी ही नहीं थी कि यह महिला कहां की है. जेल के अधिकारियों को जानकारी हुई कि एक लड़का आया है जो बता रहा है यह महिला उसकी मां है. लड़के से पूछताछ में पता चला की नेपाल की ही एक और महिला जो जेल में बंद थी जब वह यहां से छूट कर गई तो उसने उसको जानकारी दी कि तुम्हारी मां लगभग 9 साल से जिला कारागार बहराइच में बंद है.
कर्मचारियों के छलके आंसू
लड़के ने कहा की मां जब हम से बिछड़ी थी तब मेरी उम्र मात्र 7 साल थी अब मैं 17 साल का हूं. मैं हिमाचल में ड्राइवरी करता हूं. जेल में महिला और उसका बेटा जब 9 साल बाद मिले तो दोनों एक दूसरे को लिपटकर रोते नजर आए. इस दौरान मौके का नजारा देख जेल के कर्मचारियों की भी आंखों में आंसू छलक आये. मां का कहना है कि वह अपने बच्चे को इतना बड़ा देखकर बहुत ही भावुक है उसके लिए यह क्षण एक सपने जैसा है. जेल के अधिकारियों का कहना है कि दूसरे देश की महिला होने के कारण तमाम प्रयासों के बावजूद इसके घर वालों तक सूचना नहीं पहुंचाई जा सकी, जिसके कारण इस महिला को इतने दिनों तक जेल में अज्ञातवास की तरह रहना पड़ा.
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एनडीपीएस केस प्रकरण में वह कोर्ट से 10 साल की सजायाफ्ता है. हाईकोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर कर दी है लेकिन भारतीय जमानतदार न मिलने से वह जेल से नहीं छूट पा रही है. शुक्रवार को उसके बेटे नवीन ने जेल में वकील के साथ मां से नौ साल बाद मुलाकात की. नेपाल के रुकुम जिले के मुरीकत थाना क्षेत्र के सकाज की रहने वाली अनीता गजराज (40) पत्नी हीरासिंह को 27 दिसम्बर 2013 को सीमावर्ती रूपईडीहा थाना पुलिस ने एनडीपीएस केस में गिरफ्तार कर कारागार में निरूद्ध किया था. पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. कोर्ट ने नेपाली महिला बंदी अनीता को दोषसिद्ध करार देते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. तब से वह जेल में ही बंद चल रही है. बीते तीन जून को हाईकोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर कर दी लेकिन भारतीय जमानतदार न मिलने से वह जेल से छूट नहीं पाई है.
रिहा हुई एक महिला कैदी ने बेटे को मां से मिलवाया
अनीता के बेटे नवीन ने बताया कि पिछले कई सालों से उसे पता ही नहीं था कि उसकी मां कहां है. पांच साल पहले उसके पिता हीरासिंह की भी मृत्यु हो गई. मां के साथ एक नेपाली महिला मनीषा भी बंद थी. पिछले साल मनीषा बहराइच जेल से छूटकर जब नेपाल अपने गांव गई. तब उस गांव में उसके मामा को पता चला कि उनकी बहन बहराइच जेल में बंद है. मामा ने जानकारी अपने भांजे नवीन को दी.
जमानतदार मिलते ही हो जाएगी रिहाई
इसके बाद नवीन ने बहराइच पहुंचकर मां से मिलने की कोशिश की. उसके बाद शुक्रवार को वह वकील के साथ मां अनीता से मिलने जेल पहुंचा, जहां उसकी मां से मुलाकात हुई. उसने बताया कि वह अपनी मां की रिहाई के लिए जमानतदार तलाश रहा है. जिला कारागार के जेल अधीक्षक राजेश यादव ने बताया कि नेपाली महिला कैदी अनीता गजराज एनडीपीएस के केस में कोर्ट से सजायाफ्ता है. दिसम्बर 2023 को उसकी सजा पूरी हो जाएगी. हाईकोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर कर दी है लेकिन भारतीय जमानतदार न मिलने से वह छूट नहीं पा रही है. अनीता का बेटा नवीन व वकील उससे मिलने शुक्रवार को जेल में आए थे.
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