रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद को चुनौती देने वाली महिला नेताओं को सपा ने पार्टी से निकाला
Samajwadi Party : रामचरित मानस विवाद के दौरान सपा प्रवक्ता रोली तिवारी मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर किया था विरोध.
Samajwadi Party : रामचरित मानस विवाद को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य को चुनौती देने वाली महिला नेताओं को समाजवादी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है. सपा ने गुरुवार को पार्टी की प्रवक्ता डॉक्टर रोली तिवारी मिश्रा और सपा नेता ऋचा सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों पर बहस करने से परहेज करने की हिदायत दी है.
सपा कार्यालय ने जारी किया पत्र
सपा पार्टी कार्यालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि टीवी में डिबेट के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को ध्यान देना चाहिए कि समाजवादी पार्टी डॉ. लोहिया के आदर्शों से प्रेरणा लेकर लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में आस्था रखती है.
पार्टी नीतियों पर जोर देने की अपील
पत्र में जनसामान्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर पार्टी की नीति और कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की गई है. सत्तारूढ़ दल लगातार बुनियादी मुद्दों को भटकाने का काम करता है, ऐसे में हमें उनके बहकावे में नहीं आना है.
इन मुद्दों पर रोली तिवारी कर चुकीं हैं टिप्पणी
बता दें कि रोली तिवारी मिश्रा ने बीते दिनों रामचरित मानस को लेकर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा किए गए अपमानजनक टिप्पणी को लेकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अपनी ही पार्टी के नेता को घेरा था. साथ ही महंत राजूदास के मामले को लेकर भी टिप्पणी की थी. बताया जा रहा है कि रोली तिवारी मिश्रा पर इसी को लेकर कार्रवाई की गई है.
स्वामी प्रसाद मौर्य पर रासुका लगाने की मांग की थी
रोली तिवारी मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा था कि हर तरफ सनातन धर्म के खिलाफ साजिश कर, हिन्दू जातियों को बांटकर क्या देश में "गृहयुद्ध" जैसी भूमिका रची जा रही है ? वहीं, दूसरे ट्वीट में उन्होंने सीएम योगी से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रासुका लगाने की मांग की थी.
हर जिले में रामचरित मानस सम्मान यात्रा निकालने की घोषणा
सपा से निष्कासित होने के बाद रोली तिवारी ने उत्तर प्रदेश के हर जिले से ‘श्री रामचरितमानस सम्मान यात्रा’निकालने की घोषणा की है.
संविधान के पहले पृष्ट में भगवान की चित्र
संविधान के भाग 3, फंडामेंटल राइट पृष्ठ की शुरुआत भगवान राम, लक्ष्मण और भगवती सीता के चित्र से होती है. राम भारत की आत्मा हैं. यहां तक कि अल्लामा इकबाल ने उनको इमामे हिंद माना है. ऐसे में भारत की आध्यात्मिक एवं संवैधानिक आत्मा के साथ मैं खड़ी थी और खड़ी रहूंगी.
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