BJP समर्थक दोस्त से शर्त में हार गया था बाइक, अखिलेश यादव को हुई जानकारी तो लखनऊ बुलाकर दिए पैसे
UP Viral News: सोशल मीडिया में बांदा के दो दोस्तों की शर्त की कहानी यूपी चुनाव के नतीजे आने के बाद तेजी से वायरल होने लगा. इसकी जानकारी सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी हो गई. इसके बाद उन्होंने सपा समर्थक को लखनऊ बुलाया और उसे नई मोटरसाइकिल खरीदने के लिए पैसे दिए.
बांदा: उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव सिर्फ सियासी दलों और उम्मीदवारों के बीच नहीं होता, बल्कि समर्थकों के बीच में भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलता है. जिसमें कोई अपनी पार्टी की जीत को लेकर इतना आश्वस्त होता है कि अपने खेत की ही बाजी लगा देता है तो कोई अपने घर की. मगर इस बार का मामला थोड़ा अलग है. बांदा जिले के दो दोस्तों ने अपनी-अपनी पार्टी की जीत पर बाइक और टेंपो का शर्त लगा दिए. भाजपा समर्थक दोस्त ने सपा की हार पर टेंपो देने की बात कही तो सपा समर्थक दोस्त ने भाजपा की हार पर बाइक. परिणाम आने के बाद सपा समर्थक दोस्त को अपनी बाइक देनी पड़ी.
सोशल मीडिया में बांदा के दो दोस्तों की शर्त की कहानी यूपी चुनाव के नतीजे आने के बाद तेजी से वायरल होने लगा. इसकी जानकारी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भी हो गई. इसके बाद उन्होंने सपा समर्थक को लखनऊ बुलाया और उसे नई मोटरसाइकिल खरीदने के लिए उसे एक लाख रुपये की मदद किए.
दो दोस्तों का शर्त चर्चा में बना हुआ है
बांदा जिले के मटौंध थाना क्षेत्र के बसहरी गांव में रहने वाले दो दोस्तों ने चाय पर चर्चा करते-करते चुनावी समर में ऐसे मशगूल हो गए कि उनकी चर्चा अब पूरे प्रदेश में हो रही है. अलग-अलग पार्टियों के समर्थन में दावों को लेकर बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने हार-जीत को लेकर शर्त लगा ली. बसहरी गांव का रहने वाला युवक अवधेश कुशवाहा सपा का समर्थक है और उसे पूरा भरोसा था कि इस बार उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनेगी. उसी गांव का रहने वाला बिलौटा भारतीय जनता पार्टी का समर्थक है. उसको यकीन था कि प्रदेश में भाजपा इतिहास रचने जा रही है. दोनों दोस्तों को ही पूरा भरोसा था कि उनकी पार्टी की सरकार बनने जा रही है. इसके बाद उनके पास जो सबसे कीमती सामान की शर्त लगा ली.
अखिलेश यादव ने 1 लाख 10 हजार की आर्थिक मदद
सपा समर्थक अवधेश लाइट का काम करता था. जिसके लिए वह मोटरसाइकिल से आता जाता रहता था, जो उसके लिए बहुत जरूरी थी. वहीं बीजेपी समर्थक बिलौटा ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. सबसे कीमती चीज को दांव पर लगाने के बाद दोनों दोस्तों ने बकायदा इस शर्त को सौ रूपए के स्टांप पर लिखवाया और उसमें छह गवाहों से साइन भी करवाए. ताकि बाद में शर्त के मुताबिक जो जीते उसे जीती हुई चीज मिल जाए और वह मुकरे नहीं. हुआ भी ऐसा ही जब प्रदेश में बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीती तो अवधेश ने शर्त के मुताबिक अपनी बाइक बृज किशोर उर्फ बिलौटा को दे दी. जब इस बात की भनक अखिलेश यादव को लगी तो उन्होंने शर्त हारने वाले को बुलाकर उसे नई बाइक खरीदने के लिए 110000 का चेक देकर उसकी आर्थिक मदद की.
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