Sri Lanka Crisis: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फॉरेन पॉलिसी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी मौजूदगी का ही नतीजा है कि देश के साथ ही विदेशों में भी उन्हें सर आंखों पर बिठाया जाता है. पीएम के दौरे के दौरान आने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस बात की गवाही देती हैं. वाराणसी से सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर चर्चाओं में हैं. इन दिनों पीएम की एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है, जिसमें वह श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के साथ नजर आ रहे हैं.


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काशी के सांसद को मिली श्रीलंका की संसद में सराहना
प्रधानमंत्री की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है. दरअसल, श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत का धन्यवाद किया है. वहीं, उन्होंने श्रीलंका का नाम लिए बगैर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र को 'जीवन की सांस' प्रदान की है. 


आपको बता दें कि विक्रमसिंघे ने श्रीलंका संसद के तीसरे सत्र के दौरान सरकार का नीतिगत बयान पेश करते हुए यह बयान दिया. श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के दौर में उन्होंने राजनीतिक दलों को सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया, ताकि श्रीलंका एक बार फिर आर्थिक तौर पर मजबूत हो और विकास की राह पर आगे बढ़ सके.


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भारत सरकार ने ऐसे दी जीवन की सांस
आपको बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा,"मैं आर्थिक पुनरोद्धार के हमारे प्रयासों में हमारे निकटतम पड़ोसी भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता का विशेष रूप से उल्लेख करना चाहता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमें 'जीवन की सांस' दी है. मैं अपने और मेरे लोगों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, सरकार और भारत की जनता का आभार व्यक्त करता हूं." दरअसल, शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति ने श्रीलंका की संसद में संबोधन के दौरान ये बात कही. 


क्या श्रीलंका में सर्वदलीय सरकार?
उन्होंने कहा,"संकट को दूर करने के लिए संसद को एकजुट होना चाहिए. अगले 25 वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय आर्थिक नीति तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2022 की शुरुआत  से ही श्रीलंका आजादी के बाद, सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. इसी के साथ ही उन्होंने देश को अपने आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए एक सर्वदलीय सरकार के गठन की बात को दोहराया."


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