अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से आठ हफ्तों में मांगा जवाब
Amarmani Tripathi case : पूर्वांचल के बाहुबली नेता रहे और यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिली है. कवियत्री मधुमिता शुक्ला मर्डर केस में उनकी रिहाई के खिलाफ जो याचिका दायर की गई थी, उसपर सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.
Amarmani Tripathi Case : पूर्वांचल के बाहुबली नेता रहे और यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिली है. कवियत्री मधुमिता शुक्ला मर्डर केस में उनकी रिहाई के खिलाफ जो याचिका दायर की गई थी, उसपर सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक नहीं लगाई है. यूपी सरकार को अगले 8 हफ्ते के भीतर इस नोटिस पर जवाब देने को कहा गया है.यूपी की मशहूर कवियत्री मधुमिता शुक्ला की 2003 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उस वक्त वह 24 साल की ही थीं. अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी इस हत्या के मामले में 20 साल से अधिक से जेल में हैं, उनके अच्छे बर्ताव की वजह से उन्हें रिहा किया जा रहा है. इसी के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी और रिहाई पर रोक लगाने को कहा था.
याचिका में क्या मांग की गई थी
निधि शुक्ला ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी ने अपनी सजा का 60 फीसदी से अधिक समय हॉस्पिटल में काटा है और आराम किया है. ऐसे में उन्हें अच्छे बर्ताव के आधार पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए. निधि शुक्ला ने राष्ट्रपति, राज्यपाल को भी लिखी अपनी चिट्ठी में भी इसी आधार पर रिहाई को रद्द करने के लिए कहा था.
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