Unnao Rape Case Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao Rape Case Victim) को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया है. बताया जा रहा है कि यह राहत कोर्ट ने गैर जमानती वारंट को चुनौती देने के मामले में दी है. दरअसल, आरोपियों में से एक के पिता ने केस फाइल करते हुए पीड़िता पर आरोप लगाया था कि उसने फर्जी दस्तावेज का सहारा लिया है. पीड़िता पर आरोप है कि उसने झूठे आयु दस्तावेज सबमिट किए हैं. 


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रेप पीड़िता पर लगा था गलत दस्तावेज दिखाने का आरोप
गौरतलब है कि यूपी के उन्नाव की जिला अदालत में लंबित केस को पीड़िता ने दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. एक आरोपी के पिता ने यह केस दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि पीड़िता ने पुलिस को जो आयु दस्तावेज दिए हैं, वह फर्जी हैं. याचिका के मुताबिक, पीड़िता के खिलाफ उन्नाव की एसीजेएम (Additional Chief Judicial Magistrate) कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. उन्नाव रेप पीड़िता की वकालत एडवोकेट वृंदा ग्रोवर और एडवोकेट सौतिक बनर्जी कर रहे हैं.


2017 के उन्नाव रेप केस में सेंगर को आजीवन कारावास
आपको बता दैं, 1 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित किया था. वहीं, दिसंबर 2019 में आरोपी सेंगर को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. यह सुनवाई उस केस में हुई थी, जिसमें सेंगर पर साल 2017 में महिला का रेप करने का आरोप था. बताया जा रहा था कि 2017 में पीड़िता नाबालिग थी. 


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कुलदीप सेंगर को 2019 के केस से मिली रिहाई
वहीं, यह बता दें कि दिल्ली के Rouse Avenue court ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2019 के एक्सीडेंट रेप पीड़िता के एक्सीडेंट केस में डिस्चार्ज कर दिया है.


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