Joginder Sharma Announces Retirement: भारतीय टीम को साल 2007 के टी-20 वर्ल्डकप में पहली बार चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा (Joginder Sharma) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. जोगिंदर शर्मा का टी-20 वर्ल्डकप में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में किया वो यादगार ओवर कौन भूल सकता है, जिसने भारतीय को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. 


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उन्होंने अपने रिटायरमेंट की घोषणा सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट के जरिए की है. उन्होंने लिखा, ''“आज अपार आभार और विनम्रता के साथ मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट के सभी रूपों से संन्यास की  घोषणा करता हूं. 2002 से 2017 तक की मेरी यात्रा भारत के खेल के स्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले मेरे जीवन सम्मान के सबसे शानदार वर्ष रहे हैं.



''मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं क्रिकेट जगत में नए मौके की तलाश करूंगा और उस खेल में भागीदारी करता रहूंगा जिसे मैं प्यार करता हूं. मुझे भरोसा है कि मेरा यह क्रिकेटर के तौर पर सफर का अगला कदम होगा. मैं जिंदगी के इस अध्याय की प्रतीक्षा कर रहा हूं.''


कैसा रहा जोगिंदर शर्मा का क्रिकेट करियर
39 साल के दायें हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा का क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा. लेकिन उनको साल 2007 में हुए टी-20 विश्वकप के आखिरी ओवर के लिए जाना जाता है. जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारत को 5 रन से मैच जिताने में मदद की. उन्होंने 4 वनडे मैच में एक विकेट और 4 टी-20 मैच में 4 विकेट हासिल किए, इसके अलावा उन्होंने 16 आईपीएल मैच भी खेले. जिसमें उन्होंने 12 विकेट हासिल किए. 


कौन भूल सकता है 2007 टी-20 विश्वकप का वो आखिरी ओवर
साल था 2007 का और फाइनल में सामने थी पाकिस्तान की टीम. लास्ट ओवर में पाकिस्तान को 13 रन की दरकार थी लेकिन 9 विकेट गिर चुके थे. भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने उस बॉलर को गेंद थमाई जिसे कम ही लोग जानते थे, उनके सामने थे मिस्बाह उल हक. चार गेंदों पर पाकिस्तान का पलड़ा भारी लग रहा था लेकिन जोगिंदर की पांचवी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप खेला और हवा में तैरती गेंद को देखकर भारतीय फैंस की धड़कने बढ़ गईं लेकिन जैसे ही शॉर्ट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने लपका. और वर्ल्ड चैंपियन का खिताब भारत की झोली में आया.