UP Electricity Workers Strike: बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के बीच ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और संघ के नेताओं के बीच वार्ता विफल, दूसरे दौर की बातचीत में निकल सकता है हल!
UP Electricity Workers Strike: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने 14 कालिदास मार्ग पर वार्ता के लिए बिजली संघ के नेताओं को बुलाया था. घंटों चली वार्ता विफल रही है. कल रविवार को दूसरे दौर की वार्ता होनी है.
UP Electricity Workers Strike: प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का आम जनजीवन पर असर देखने को मिल रहा है. इस बीच शनिवार शाम को हुई ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली संघ के नेताओं के बीच वार्ता विफल रही है. इसके बाद कल यानी रविवार को दूसरे दौर की बैठक होगी. वहीं, शनिवार को भी बिजली की सप्लाई बाधित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
कल फिर होगी दूसरे दौर की बैठक
इससे पहले ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने 14 कालिदास मार्ग पर वार्ता के लिए बिजली संघ के नेताओं को बुलाया था. घंटों चली वार्ता विफल रही है. कल रविवार को दूसरे दौर की वार्ता होनी है. वहीं, हजरतगंज कोतवाली में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के 22 पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही यूपी पावर कारपोरेशन के एमडी ने हड़ताली पदाधिकारियों पर की कार्रवाई की है. उन्होंने जेई संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा ठाकुरगंज के उपखंड अधिकारी जितेंद्र सिंह को भी निलंबित कर दिया है.
कौशांबी में 41 संविदाकर्मी बर्खास्त
उधर, कौशांबी में हड़ताल में शामिल 41 संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए गए हैं. 4 अवर अभियंता के खिलाफ भी कार्यवाही के निर्देश दिया गया है. डीएम सुजीत कुमार ने बताया कि दो दिनों से बिजली कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. इसके चलते तीनों तहसीलों के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही. उन्होंने अधीक्षक अभियंता को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.
शहर में वित्त मंत्री मौजूद, बिजली रही गुल
शाहजहांपुर में भी कई इलाकों में शनिवार को बिजली गुल रही. यहां भी बिजली कर्मचारियों का हड़ताल जारी है. एस्मा की चेतावनी का भी इन पर कोई असर नहीं पड़ा है. खास बात यह है कि शहर में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना मौजूद हैं. बिजली न आने से घरों में पानी की किल्लत हो रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में आंदोलनरत बिजली विभाग के कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की है. सैकडों संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त की गई. बिजली विभाग के कई सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही सेवा प्रदाता कंपनियों के कर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है.