कैरम बोर्ड से हिस्ट्री, सांप सीढ़ी से केमिस्ट्री की पढ़ाई, अनोखे तरीके से पढ़ाने के लिए मेरठ की शिक्षिका को मिलेगा सम्मान
Teachers Day 2022: सीबीएसई से मान्यता प्राप्त देश-विदेश के स्कूलों से 19 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. उत्तर प्रदेश से यह पुरस्कार पाने वाली पूजा अकेली शिक्षिका हैं.
मेरठ: कहा जाता है कि बच्चे खेल-खेल में ज्यादा सीखते हैं. कुछ ऐसा ही मेरठ की एक शिक्षिका कर रही हैं. वह स्कूल में क्रिएटिवि लर्निंग के तहत बच्चों को अनोखे तरीके से पढ़ा रही हैं. वह कैरम से विश्वयुद्ध और सांप सीढ़ी से केमिकल रिएक्शन पढ़ाती हैं. इस उत्कृष्ठ कार्य के लिए मेरठ की शिक्षिका को CBSE ने 2021-22 के लिए शिक्षा उत्कृष्ठता और नेतृत्व पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.
शिक्षक दिवस पर मिलेगा पुरस्कार
उन्हें ये पुरस्कार शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाएगा. देशभर के उन्नीस शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. सीबीएसई से मान्यता प्राप्त देश-विदेश के स्कूलों से 19 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. उत्तर प्रदेश से यह पुरस्कार पाने वाली पूजा अकेली शिक्षिका हैं.
कल्पना कीजिए कैरम से विश्वयुद्ध, सांप सीढ़ी से केमिकल रिएक्शन और नृत्य के माध्यम से गणित जैसे गूढ विषय समझाना अपने आप में अनूठी विद्या है. लेकिन गार्गी गर्ल्स स्कूल की फाइन आर्ट्स शिक्षिका पूजा शर्मा इन कठिन विषयों को सरल तरीके से समझाकर विद्यार्थियों तक पहुंचाने का काम कर रहीं है. जिसके लिए उनको टीचर्स डे पर पुरस्कार दिया जाएगा.
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त देश-विदेश के स्कूलों से 19 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. उत्तर प्रदेश से यह पुरस्कार पाने वाली पूजा अकेली शिक्षिका हैं.
गंगानगर निवासी पूजा की स्कूली शिक्षा दिल्ली में हुई है. आर्ट में पोस्ट ग्रेजुएट व बीएड करने के बाद से वह शिक्षण कार्य कर रही हैं. अपने 18 साल के शिक्षण अनुभव के साथ वह 42 शिक्षकों को प्रेरित व प्रशिक्षित कर रही हैं. पूजा कला के जरिए विभिन्न विषयों को पढ़ाने के तरीके बताती हैं. छात्राएं कठिन से कठिन बिंदुओं को भी कला व खेल के माध्यम से आसानी से समझ जाती हैं.
पूजा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में दिए गए आर्ट इंटीग्रेटेड और स्पोर्ट्स इंटीग्रेटेड लर्निंग के माध्यम से पठन-पाठन का कार्य कर रही हैं. पढ़ाई के साथ ही कलर थेरेपी के जरिए एंगर मैनेजमेंट सहित तमाम पहलुओं पर उनके कार्य को सीबीएसई ने सराहा ही नहीं बल्कि पुरस्कृत भी किया है.
प्रिंसिपल अनुपमा सक्सेना ने बताया कि उनके स्कूल को आठ साल में तीन सीबीएसई अवॉर्ड मिल चुके हैं. 2014 में स्कूल का पहला बैच 12वीं उत्तीर्ण कर निकला था. 2018 में संगीत शिक्षिका डॉ. शैल को म्यूजिक इंटीग्रेटेड टीचिंग, 2020 में प्रिंसिपल अनुपमा को और अब पूजा को पुरस्कार मिला है. वाकई में ऐसी क्रिएटिव लर्निंग एक मिसाल है कि कैसे बच्चे खेल खेल में सीखते हैं. ये प्रयोग एक उदाहरण है कि कैसे शिक्षा को रोचक बनाया जा सकता है.