Teacher`s Day Special: ऐसा दानवीर शिक्षक जिसने बच्चों की शिक्षा के लिए दान दे दी 1 करोड़ की जमीन, चारों तरफ हो रही तारीफ
Teacher`s Day Special: कन्नौज जिले में सौरिख विकास खंड के नगला अंगद प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक ने बच्चों की शिक्षा में आ रही अड़चनों को खुद ही दूर कर दिया. उन्होंने खुद अपनी लाखों रुपये की जमीन को दान में देकर बच्चों को उज्जवल भविष्य बुना.
प्रभम/कन्नौज: कन्नौज जिले में सौरिख विकास खंड के नगला अंगद प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक राम सरन ने बच्चों की शिक्षा में आ रही अड़चनों को खुद ही दूर कर दिया. सरकार मदद बाद में करती लेकिन उन्होंने खुद अपनी स्वेक्षा से लाखों रुपये की जमीन को दान में देकर बच्चों को उज्जवल भविष्य बुना, आज भी राम शरण ने शिक्षक दिवस पर छात्रों को अनमोल तोहफा दिया है.
बता दें की प्रधानाध्यापक राम शरण ने खेल मैदान के लिए विद्यालय को एक बीघा जमीन दान दी है. जिससे छात्र पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद में भी आगे निकल सके. इससे पहले भी प्रधानाध्यापक विद्यालय व रास्ता के लिए अपनी चार बीघा पैतृक भूमि दान कर चुके हैं, जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये से अधिक की बताई जा रही है.
सोमवार को शिक्षक दिवस के मौके पर विकास भवन के सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सांसद सुब्रत पाठक, तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत, छिबरामऊ विधायक अर्चना पांडेय व डीएम शुभ्रांत शुक्ला और बीएसए ने सम्मानित किया.
इस दौरान सौरिख विकास खंड के नगला अंगद गांव के रहने वाले राम सरन शाक्य को शिक्षारत्न से सम्मानित किया गया. राम शरण का शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है, आज कार्यक्रम के दौरान भी प्रधानाध्यापक राम शरण जी के द्वारा खेल मैदान के लिए एक बीघा जमीन को दान करने की घोषणा की गई है, वह वर्तमान समय में गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात हैं.
उन्होंने बताया कि इससे पहले 2007 में स्कूल बनाने के लिए दो बीघा जमीन दान की थी, फिर 2009 को रास्ता के लिए दो बीघा जमीन दान कर दी. बताया कि उनके विद्यालय में 313 छात्र पढ़ते हैं लेकिन उनके खेलने के लिए खेल मैदान नहीं है, जिसके चलते उन्होंने खरीदी हुई एक बीघा जमीन दान कर दी है.
प्रधानाध्यापक के सफल प्रयास और विद्यालय से बदला भविष्य
चार जिलों के बीच मौजूद गांव जहां पर पढ़ने के लिए विद्यालय नहीं था, जाने को रास्ता तक नहीं था. उस जगह पर प्रधानाध्यापक ने विद्यालय के लिए जमीन दान में देकर इसकी शुरुआत की. वह बताते हैं कि विद्यालय से पढ़कर निकले न्यूयार्क में दो आईआईटी के इंजीनियर हैं, दो कमांडेंट ऑफिसर हैं और 1 पीसीएस अधिकारी और दो डॉक्टर हैं, जिनको प्रधानाध्यापक राम शरण जी ने खुद पढ़ाया है आज वह देश का नाम रोशन कर रहे हैं.