पीयूष गौड़/गाजियाबाद: एनसीआर के गाजियाबाद में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. कुत्तों द्वारा लोगों और खास तौर पर बच्चों को काटने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. विजयनगर थाना क्षेत्र के बहरामपुर इलाके में शनिवार शाम एक साल की बच्ची को आवारा कुत्ते ने बुरी तरह काट लिया. बच्ची के चेहरे पर गहरे घाव आए हैं.परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए जहां से उसे दिल्ली. परिजनों का आरोप है कि गाजियाबाद जिला प्रशासन ने उसे रेबीज के इंजेक्शन नहीं लगाया बल्कि टिटनेस का इंजेक्शन लगाकर अन्य हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया.


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वहां भी डॉक्टर ना होने की बात कहकर पीड़ित को पट्टी मात्र कर वापस भेज दिया गया. फिर पीड़ित के पिता निजी डॉक्टर के पास 1200 रुपए में बच्ची का इलाज और पट्टी करवाया और अब परिवार निजी डॉक्टर से इलाज करवा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि चेहरे पर टांके नहीं लगाए जा सकते, इसलिए सर्जरी होगी.


दरअसल, इंदिरापुरम थाना इलाके में वैशाली सेक्टर-7 स्थित रामप्रस्थ सोसाइटी के मेन गेट से दूसरे गेट की तरफ निकलते हुए भव्या गुप्ता नाम की 11 वर्षीय बच्ची पर 3 स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया. गेट के बाहर मौजूद कुत्ते बच्ची पर झपट पड़े.  


गाजियाबाद में नगर निगम ने सोसाइटी में आवारा और पालतू डॉग के लिए तो नियम बना दिए हैं. वहीं हाउसिंग सोसाइटी के बाहर रहने वाले स्ट्रीट डॉग पर ये नियम लागू नहीं होते. गाजियाबाद नगर निगम अब भी आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी को लेकर सिर्फ दिखावा करता ही नजर आता है.


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कुछ महीने पहले ही गाजियाबाद की एक सोसाइटी की लिफ्ट में पालतू कुत्ते ने बच्चे पर हमला कर दिया था. कुत्ते के काटने से बच्चा लिफ्ट में रोता रहा, दर्द से कराहता रहा, लेकिन कुत्ते की मालकिन तमाशा देखती रही. राजनगर एक्सटेंशन में हुई इस घटना के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. इसके बाद पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था.