आगरा: ताज नगरी आगरा के गांव कबूलपुर में रविवार को खेत से मिट्टी निकालते हुए एक प्राचीन प्रतिमा निकली. यह लाल बलुआ पत्थर (रेड सैंड स्टोन) की बनी हुआ है. एक ही शिला पर उमा-महेश्वर के चित्र वाली यह प्रतिमा लगभग दो फुट ऊंची है. स्थानीय जानकारों के मुताबिक यह मुगल काल से पहले की बताई जा रही है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इस प्रतिमा को पुरातात्विक शोध के नजरिए से काफी अहम मान रहा है. विभाग की टीम गांव जाकर प्रतिमा का परीक्षण करेगी.


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बताया जा रहा है कि कबूलपुर गांव में भगवान दास अपने मकान की मरम्मत करा रहे थे. उनका खेत मकान से लगा हुआ है. रविवार शाम लगभग छह बजे मकान में भरत के लिए वह अपने खेत में जेसीबी से मिट्टी की खोदाई करा रहे थे. खोदाई करते समय लगभग चार-पांच फुट नीचे खेत में दबी प्राचीन प्रतिमा निकल आई. प्रतिमा नजर आते लोगों की भीड़ जमा हो गई. मिट्टी की खोदाई बंद करा दी गई. ग्रामीण प्रतिमा को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मान रहे थे.


एएसआइ अधिकारियों ने प्रतिमा का चित्र देखने के बाद उसके उमा-महेश्वर की होने और मुगल काल से पहले के होने की पुष्टि की. प्रतिमा में मुकुट पहने हैं भगवान शिव: भगवान शिव को महेश्वर और देवी पार्वती को उमा भी कहते हैं. प्रतिमा में भगवान शिव और उमा एक साथ बैठे हैं. प्रतिमा में दोनों आभूषण पहने हुए हैं. 


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आस्था का रंग
खेत के नीचे से प्रतिमा मिलने की जानकारी लोगों को हुई आसपास के गांवों से लोग वहां जमा हो गए. लोगों ने प्रतिमा को पानी से साफ करने के बाद पूजा-अर्चना शुरू कर दी. इस मौके पर हर-हर महादेव के जयकारे भी लगे.


पहले भी मिली देवी-देवताओं की प्रतिमा
आगरा में इससे पहले भी देवी-देवताओं की प्रतिमा खेत की खोदाई के दौरान मिली हैं. 2020 में जगनेर के नौनी खेरा में तालाब की खोदाई में 11वीं शताब्दी की लाल बलुआ पत्थर की बनी शिव परिवार की प्रतिमाएं मिली थीं.


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