उड़ान-डेयर टू ड्रीम सम्मेलन: आने वाले समय में पूरा विश्व आयुर्वेद की विधा को अपनाएगा- राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु
वाराणसी: जी यूपी उत्तराखंड (Zee Uttar Pradesh Uttarakhand) की ओर से गुरुवार को काशी में उड़ान `डेयर टू ड्रीम` कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ.
वाराणसी: जी यूपी उत्तराखंड (Zee Uttar Pradesh Uttarakhand) की ओर से गुरुवार को काशी में उड़ान 'डेयर टू ड्रीम' कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में योगी सरकार में खाद्य सुरक्षा एवं आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा दयालु ने भी शिरकत की. जहां उन्होंने आयुष अस्पतालों के हालात में होने वाले सुधारों सहित कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए.
आयुष विभाग के अस्पतालों की स्थिति ठीक करने में कहां तक सफलता मिली है? इस सवाल के जवाब में राज्यमंत्री ने बताया कि आयुष (AYUSH) एक बहुत विस्तृत शब्द है, जिसमें से केवल हम तीन को ही जानते पहचानते हैं. आयुष में A- आयुर्वेद, Y- योग, U- यूनानी, S- सिद्धा,स्वारिंपा और H से होम्योपैथ है. पिछले 5 सालों में 5 सौ जर्जर अस्पतालों को आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित किया गया है. जिनको योगा से जोड़ा गया है, एक अच्छी डॉक्टरों की टीम यहां बैठ रही है. यहां दवाएं उपलब्ध हैं. भारत सरकार की तरफ से जो सहयोग मिला है, उसके जरिए 50 बेड के 11 एकीकृत हॉस्पिटल जिसमें यूनानी, योगा, होम्योपैथी और आयुर्वेद है. उनको जिला मुख्यालयों पर बनाने का लक्ष्य लिया है. 9 अस्पताल बनने की स्थिति में आगे बढ़ चुके हैं जबकि 6 अस्पताल तैयार हैं, जिनका जल्द का उद्घाटन किया जाएगा.
राज्यमंत्री ने बताया कि कैसे विधायक बनने से पहले बन गए मंत्री
उन्होंने बताया कि, मैं एक भाजपा का कार्यकर्ता था, पार्टी में अपनी जिम्मेदारियां निभा रहा था. बीजेपी की खासियत है कि वह कार्यकर्ताओं को अपनी निगाह में रखती है. मैं विधायक बाद में बना पहले योगी सरकार में मंत्री बन गया. एमएलसी बनाकर पार्टी ने सम्मान दिया है. बीजेपी 11 करोड़ कार्यकर्ताओं की पार्टी है. जिसमें वाराणसी के मुझ जैसे छोटे से कार्यकर्ता को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी.
किसानों को औषधि खेती के लिए प्रोत्साहित करने के सवाल पर राज्यमंत्री दयालु ने बताया कि अब तक किसान गेहूं-धान की खेती में व्यस्त था. जब उसको लगा कि उसकी मिट्टी सोना भी पैदा कर सकती है तो उसने फल और सब्जियों की खेती शुरू की. मलिहाबाद के फल वाले किसानों हो या प्रतापगढ़ का आंवला पैदा करने वाला किसान, चाहें केले की खेती करने वाला किसान हो. गाजीपुर के किसान की सब्जी पर पश्चिम बंगाल निर्भर है. औषधीय खेती शुरू करके निश्चित ही समाज को बढ़ा फायदा मिलेगा.
राज्यमंत्री ने बताया कि आयुष सिर्फ एक मंत्रालय ही नहीं है, यह भारत की हजारों साल की एक विधा है. हमारे जीवन की पद्धति से जुड़ी हुई इलाज की पद्धति है. आने वाले कल में सारा संसार आयुर्वेद की विधा को अपनाएगा. कोरोनाकाल में भी आयुष ने लोगों की इम्यूनिटी को मजबूत करने में अहम योगदान दिया.